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बेटियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने तथा आत्मनिर्भर बनाने को प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए! पढ़ें डीएम सोनिका उवाच…

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देहरादून। जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की अध्यक्षता में आज ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु रणनीति, तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों को प्रभावी रणनीति बनाने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं हेतु प्रभावी रणनीति बनाने हेतु आयोजित बैठक में निर्देशित किया कि विकासखंडवार गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण हेतु प्रभावी कार्ययोजना के साथ ही कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही निर्देशित किया कि विकासखंडवार हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की विशेष मॉनिटरिंग की जाए।

तथा जो गर्भवती महिलाएं नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं कर रही है ऐसी महिलाओं की मॉनिटरिंग करते हुए उनको आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से जांच हेतु प्रेरित करें। उन्होंने इंस्टीट्यूशन प्रसव बढ़ाने के भी निर्देश दिए, ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु को कम किया जा सके।

उन्होंने स्वास्थ्य एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को आशा एवं आंगनवाड़ी कार्तियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य जांच एवं पौष्टिक आहार के सेवन हेतु जागरूक करने के भी निर्देश दिए। स्वास्थ्य एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को कार्मिकों की कार्यों की मॉनिटरिंग भी करने के निर्देश दिए।

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जिलाधिकारी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि बेटियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने तथा आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए। इसके लिए उन्होंने बैठक में प्रतिभाग कर रहे अधिकारियों से प्रभावी कार्य योजना बनाने हेतु लिखित में सुझाव भी प्राप्त किए।

मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि बेटियों, को सुरक्षा, शिक्षा एवं रोजगारपरक प्रशिक्षण से आत्म निर्भर बनाने के साथ ही मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर कार्य करें, ताकि बेटियां अपनी आवाज स्वयं उठा सकें।

उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्येक स्कूलों में एनसीसी हो इसके लिए प्रयास किए जाए। साथ ही स्कूलों में लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस एवं करियर काउंसलिंग, रोजगारपरक प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं की जाए ताकि 10वीं एवं 12वीं की छात्राएं छुट्टियों में स्वरोजगार परक कार्य करते हुए आर्थिक रूप से मजबूत बन सके।

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उनमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि यदि कहीं से बाल विवाह की शिकायतें मिलती है तो उन पर त्वरित करवाई की जाए। बाल विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि इस वर्ष बाल विवाह की 05 शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए विवाह रोके गए।

जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूलों में बच्चों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि बचपन्न से बच्चे अपने अच्छे बुरे के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने स्कूलों में साफ सफाई एवं सेल्फ डिफेंस है हेतु प्रशिक्षण एवं काउंसलिंग आयोजित करने के निर्देश दिए ।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय गुप्ता, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ निधि, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश चौहान, सहायक निदेशक सूचना बीसी नेगी,जिला विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अंजलि रावत, जिला पंचायत राज अधिकारी विद्याधर सोमनाल सहित स्वयं सहायता समूह के सदस्य तथा बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्मिक मौजूद थे।

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