बिन्दुखत्ता। यहां गौलानदी से हुई त्रासदी को लोग भूले नहीं हैं कि फिर से दूसरे सीजन की बर्षात आने वाली है जिससे समूचे तटीय भाग की जनता हलकान व घबराई हुई है। गौलानदी ने विगत वर्ष 6 परिवारों को बर्बाद करके खुले आसमान तल रहने को मजबूर कर दिया था जो आज भी एक सरकारी स्कूल में शरण लिए हुए हैं। जब बिन्दुखत्ता में गौलानदी ने रुख कर लिया और करीब 15 एकड़ कृषि भूमि, मकान सब निगल लिया तब नेता यहां घडियाली आंसू बहाने खूब आ रहे थे, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरना देने बैठ गए थे। आज वही जनता अब तक फटपाथ में है लेकिन किसी को इनकी सुध लेने की फुरसत नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रति परिवार मुआवजा 1.5 लाख दिया था, कई लोगों ने मदद की, पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी ने 6 परिवारों को भूमि दान की जिसमें सीपीपी गरीबों के लिए आवास बना रही है। इधर गौलानदी से बचाव के लिए समय रहते तटबंध नहीं बने तो इस वर्ष हजारों परिवार गौलानदी के निशाने पर रहेंगे। इन्द्रानगर गब्दा में नदी गांव में प्रवेश कर गई है जिसका मुंह तटबंध से बंद नहीं किया गया तो आने वाली बर्षात में भयंकर जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता है। जनता का कहना है समय रहते सांसद/विधायक व जिला प्रशासन इस समस्या का समाधान करें वर्ना फिर घडियाली आंसू बहाने के सिवा कुछ न बचेगा। बिन्दुखत्ता की जनता की मांग है कि बर्षात शुरू होने से पहले तटबंध बनापए जाएं जिससे बड़ी त्रासदी को समय पर रोका जा सके वर्ना फिर कोई लाभ नहीं होगा। स्थानीय जनता को उम्मींद है स्थानीय विधायक को पूरी समस्या की जानकारी है और वह समय रहते तटबंध का काम शुरू करवाएंगे।
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