देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने निकाय चुनावों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है लेकिन क्या निकाय चुनावों को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले करवाना उचित होगा ?
निकाय चुनावों में मिले रुझान को लेकर जनता में आम चुनाव की चर्चा होती है और इसमें मिले रुझान और प्रत्याशी चयन विवाद क्या लोकसभा चुनाव के लिए हुई तैयारी में कहीं खलल का काम तो नहीं करेगा ?
लोकसभा चुनावों में निकाय चुनावों का असर विपरीत प्रभाव नहीं डालेगा इसकी क्या गारंटी है ? धामी सरकार के लिए निकाय चुनाव ठीक लोकसभा चुनाव से पूर्व करवाना रिश्क भी हो सकता है!
सूत्र कहते हैं धामी विरोधी लाबी चाहेगी कि निकाय चुनाव में भाजपा को नुकसान हो और इसका असर धामी की सीट पर पड़े! निकाय चुनावों को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा है!
धामी सरकार के लिए निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव से पूर्व करवाना टेढ़ी खीर भी साबित हो सकता है! जिसे टिकट नहीं मिलेगा वही विरोध में हो जायेगा! कहावत है साजिशों के शहर में साइकिल भी धीरे चलानी पड़ती है!
धामी सरकार को निकाय चुनाव को लेकर जल्दबाजी से बचना होगा! हर बिंदु पर विचार करने की फिर से जरूरत है।
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