बिन्दुखत्ता। राजस्व गांव बनाए जाने की मांग करते जनता को चालीस साल बीत गए लेकिन आज तक जनता को आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ।
हर चुनाव में जनता से नेता राजस्व गांव बनाए जाने का वादा करते हैं और जनता भी विश्वास करके हर बार धोखा खा जाती है।
गत वर्ष विधानसभा चुनाव में जनता से नेताओं ने वादा किया और वोट ले लिया फिर वही राग अलापा जाता है कि मामला कठिन है।
उड़ीसा सरकार ने अपने राज्य में बिन्दुखत्ता जैसे गांव को राजस्व गांव बनाया है। उड़ीसा ने कैसे बनाया यह जानकारी लेने की कोशिश आजतक किसी ने नहीं की।
जनता को बेवकूफ बनाने की आदत ने एक लाख लोगों को नरकीय जीवन जीने को मजबूर कर दिया है। हर साल गौला नदी उपजाऊ भूमि निगलती जा रही है लोग बेघर होते जा रहे हैं लेकिन मजबूत तटबंध बनाने की चिंता किसी को नहीं है।
चुनाव में वोट कैसे पाए जाएं और कैसे लोगों को गुमराह किया जाए ये फार्मूला यहां लंबे समय से चल रहा है। राजस्व गांव बनाए जाने की मांग अब फिर से तेज होने लगी है।
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