भराड़ीसैंण। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने वर्ष2023/24 का बजट पेश कर सभी वर्गों को साधने की भरपूर कोशिश की है। सरकार ने 77407.08 करोड़ का करमुक्त बजट पेश करते हुए हर वर्ग को लाभ देने का प्रयास किया है।
बजट में स्वरोजगार, कृषि, सड़क, उद्योग, स्वास्थ, शिक्षा, पर्यटन, समाज कल्याण पर अधिक जोर दिया है। आय बढ़ेगी कैसे इसपर भी सरकार का फोकस रहा है। केंद्र पोषित योजना पर अभी भी निर्भरता कायम दिखी।
सरकार ने बताया बजट का बड़ा हिस्सा पेंशन और वेतन में चला जाता है कुल बजट का 11 प्रतिशत ही बच रहा है। सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं को सात हिस्सों में बांट कर कार्ययोजना बनाई है।
बजट को संतुलित किया गया है और इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। सीएम पुष्कर धामी ने कहा है पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा को साकार करने के लिए यह बजट संतुलित, समावेशी और सभी वर्गों तक पहुंचने वाला तथा यह बजट सशक्त उत्तराखंड 2025 के संकल्प को पूरा करने वाला है।
इस वर्ष आबकारी 812.60 श्रम व रोजगार 552.86ऊर्जा 1251.33 ओद्यानिक विकास 815.66 पेयजल व शहरी विकास 2525.69खाद्य 930.11पशुपालन617.43 पुलिस 2561.88 सिंचाई 1443.42 राजस्व 3184.54 ग्राम्य विकास 3272.53 परिवहन 453.72 वन व पर्यावरण 1081.58 एससी एसटी कल्याण के लिए 2695.64 करोड़ की व्यवस्था की गई है। सरकार ने कोई भी नया कर नहीं लगाया है।
सरकार ने जोशीमठ आपदा से निपटने को एक हजार करोड़ की व्यवस्था भी की है। सरकार के बजट को युवा वर्ग द्वारा सराहा जा रहा है तो वहीं विपक्ष इसे पुरानी बोतल में नई शराब बता रहा है।
इस बजट के बाद उत्तराखंड को 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है जबकि धामी सरकार ने 1700 करोड़ का कर्ज अदा भी किया है। सरकार का अधिकाश धन वेतन और पेंशन में जाने से कर्ज बढ़ता ही जा रहा है जो राज्य के लिए चिंता का विषय है।
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