बिंदुखत्ता/शान्तिपुरी। मार्च के महीने में बरसात का आगमन किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है। किसानों की तैयार खड़ी गेहूं की फसल बरबाद होने के कगार पर पहुंच गई है।
हर तरफ गेहूं की फसल गिरने लगी है जिससे कर्ज में डूबे किसान के चेहरे का रंग उड़ने लगा है। किसान कहते हैं उनकी छः माह की मेहनत सब बारिश की भेंट चढ़ने लगी है।
यह भी पढ़ें ऊर्जा प्रदेश मे ऊर्जा मंहगी होने के आसार फिर आम आदमी की जेब पर पडेगा भार
भाबरी क्षेत्र में तैयार गेहूं की फसल जमीन में लेट गई है और गेहूं के अंकुरित होने की संभावना बढ़ गई है जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम इसे कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। बदलते पर्यावरण चक्र का नुकसान किसान को हो रहा है। गरीब किसान जिन्होंने कर्ज लेकर खेत में अनाज बोया है वह किसान खून के आंसू बहा रहा है।
यह भी पढ़ें केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट आज ढकानी में! पढ़ें कितने बजे पहुंचेंगे…
गत वर्ष भी किसानों को धान की फसल में भारी बारिश से नुकसान हुआ था और कई लोगों की फसल नदी नालों में बह गई थी।
किसान इस बारिश को गेहूं और सरसों के लिए भारी नुकसान दायक मान रहे हैं। किसान कहते हैं बारिश जल्द नहीं रुकी तो किसान पूरी तरह से बरबाद हो जाएगा।
More Stories
महिलाओं से सोने की ठगी का मामला पहुंचा कमिश्नरी! पढ़ें 74 महिलाओं के रख लिए जेवर…
25वीं सालगिराह सप्ताह भर मनाई जाएगी! पढ़ें इस बार राज्य स्थापना दिवस पर कहां क्या होगा आयोजन…
लालकुआँ:-NDRF ने CPP लालकुआँ में आयोजित किया आपदा प्रबंधन राहत एवं बचाव जागरूकता कार्यक्रम…