केदारघाटी के देवशाल गांव स्थित जाखधार मंदिर में जाख देवता अपने नए पश्वा सच्चिदानंद पुजारी पर अवतरित हुए और धधकते अंगारों पर नृत्य किया। हजारों श्रद्धालु इसके साक्षी बने। भक्त यज्ञकुंड की राख को प्रसाद रूप में अपने घर ले गए। शाम को विधि-विधान के साथ भगवान जाख देवता की मूर्ति को परंपरानुसार विंध्यासनी मंदिर में विराजमान किया गया। साथ ही दो दिवसीय जाख मेला भी संपन्न हो गया।
शुक्रवार को बैसाख दो गते जाख देवता के पश्वा सच्चिदानंद पुजारी भक्तों के साथ गंगा स्नान के बाद नारायणकोटी, कोटेड़ा गांव होते हुए दोपहर बाद लगभग विंध्यासनी मंदिर देवशाल पहुंचे। यहां पर देवशाल के ब्राह्मणों ने भगवान जाख देवता की विशेष पूजा-अर्चना कर धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया।
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