हरेला पर्व उत्तराखंड का प्रमुख त्यौहार है इसे कल 7 जुलाई को बोया जायेगा जो दसवें दिन काटा जाएगा। इस पर्व का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है।
लोकपर्व हरेला हरियाली का प्रतीक भी है इस पर्व का लंबा इतिहास रहा है। बहिन और भाई के प्रेम का प्रतीक भी इसे माना जाता है।
हरेला पर्व त्यौहार पर खूब पकवान बनाए जाने की भी परंपरा है। बहिनों द्वारा अपने भाई को हरेला जहां पूजा जाता है वहीं माता अपने बच्चों को हरेला पूजकर उनकी दीर्घायू के लिए प्रार्थना करती हैं।
हरेला पर्व पर मायके जाने की भी परंपरा रही है बहिनें अपने भाई को हरेला पूजकर आती हैं और भाई उनको उपहार प्रदान करते हैं।
परंपरा है कि हरेला काटने से पूर्व धान लगा लिए जाते हैं और चारों ओर हरियाली नजर आती है। हरेला पर्व पर खूब पतंग बाजी भी होती है।
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