प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए युग की तरफ जिस प्रकार देश को ले जाने का सपना संजोया है वह सपना इस सरकार में कितना पूरा होगा यह विषय आज बहुत कचोटने लगा तो लिखने को हाथ खुजलाने लगा! कई सवाल जेहन में आते चले गए जिला सार पढ़िए!
ये मेरा अपना निजी विचार है……………..
मेरा अपना मानना है कुछ अतिवादी प्रवृति के लोग अपने हित साधने के लिए संगठन और सरकार के बीच अपनी समानांतर सियासत चलाते हैं जिससे पीएम नरेंद्र मोदी का सपना समय रहते धरातल पर नहीं पहुंच रहा है! और चुनाव में नुकसान अपनों ने ही पहुंचाया है!
जब से ऑन लाइन का ज्यादा इस्तेमाल किया गया और पार्टी ने भी इसे ही मुख्य प्रचार समझा तब से गांव समाज के बीच कार्यकर्त्ता जाते ही नहीं! कुछ अवसर छोड़ दिए जाएं और होल टाइमर किसी मंडल में नहीं दिखता! इसका कारण सांसद और विधायक होते हैं! लोगों को सक्रिय पीएम नरेंद्र मोदी करने आयेंगे ?
स्थानीय ठेके स्थानीय लोगों को देकर रोजगार दिया जाना चाहिए था ऐसा कई प्रदेशों में नहीं हो रहा है! बाहरी राज्यों के ठेकेदार काम कर रहे हैं! स्थानीय लोगों के स्थानीय हितों पर चोट पहुंचना भी नुकसान पार्टी संगठन का होना है! इस चुनाव में अपने ही लोग सीटें कम करने वालों को मदद कर गए!
कुछ लोगों के लिए नरेंद्र मोदी अच्छे हैं तो कुछ महत्वाकांक्षी लोगों के लिए मानसिक तनाव भी हैं! उत्तर प्रदेश में जिस तरह हार हुई क्या इसकी उम्मीद किसी को थी ? उत्तराखंड में लगातार दो उपचुनाव हारे हैं? इसका कारण स्थानीय सरकार नहीं केंद्र के कामों का भी असर होता है! युवा नेता पुष्कर धामी को भी कुछ लोग हजम नहीं कर पा रहे हैं जिसका रिजल्ट दो उप चुनाव हारना और तीसरे के हारने की तैयारी कह सकते हैं! कुछ ताकतें सीएम पुष्कर धामी सरकार को भी कमजोर साबित करने के लिए बाहरी राज्यों से लोग लाकर विरोध का जन्म कर रहे हैं!
पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस तरह हार जाने के बाद भी फिर तीसरी बार सरकार बना डाली इसकी उम्मीद नहीं थी! लेकिन जो मजा पूर्ण बहुमत की सरकार में था वह मजा अब राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी ले रही है !
सब काम जब पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में ठीक हुआ था तो कैसे हार गए ? पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के हारने के कारणों पर जाना होगा ! पीएम नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाया जाए वाली ताकतें कैसे मजबूत हो गई!
जो जनता कल तक कमल कमल करती थी वह राहुल गांधी को नेता विपक्ष तक क्यों ले आई ? कुछ ज्यादती होती है तभी दुष्परिणाम सामने आते हैं! जनता सब कुछ सहन करती है लेकिन जब उसकी भावना से खिलवाड़ किया जाएगा तो वह पाला बदलने में देर नहीं करती!
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में ऐतिहासिक काम हुए हैं इसे नकारना बेईमानी होगी! जिसने काम किया है गरीबों को राशन दिया, किसानों को हर माह पांच सौ दिए, मंदिर बना मोदी सरकार में, धारा तीन सौ सत्तर हटी!
तीन तलाक कानून, गरीब लोगों को सहायता आरक्षण तमाम बिल जनहितकारी मोदी सरकार में आए लेकिन कुछ अति विद्वान लोगों के चक्कर में मोदी सरकार पूर्ण बहुमत नहीं ला सकी! आगे भी सरकार नहीं चेती स्थानीय लोगों को दर किनार कर बाहरी राज्यों को जबरन ठेके दिए तो स्थानीय ठेकेदार जन विरोध को जन्म देंगे! गलत तरीके से काम होगा तो विरोध दर्ज होगा!
हर राज्य में प्राथमिकता स्थानीय लोगों को दी जानी चाहिए ये उनका मौलिक अधिकार होना चाहिए! लेकिन हर राज्य में बाहरी लोग काम करते हैं उसी राज्य के लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं! जांच कर ली जाए किस राज्य में कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है! कितने बाहरी राज्यों से आए लोग हैं! हर राज्य की अपनी समस्या है जिसे समझा होगा!
बड़े सभी ठेके बाहरी लोगों को मिले हैं रोजगार भी बाहरी लोगों को तो इससे मोदी सरकार को लाभ जितना होगा उसका कई गुना नुकसान भी होगा! स्थानीय लोगों के दिल में मोदी रहते हों और मोदी जी वरदान दूसरे को जब देते हों तब भक्त की आस्था कहां बचेगी इसे वर्तमान सरकार को सोचना होगा! सबका साथ सबका विकास धरातल पर नारा दिखना भी चाहिए!
बड़े सपने देखने वाले लोग जब सोच का परीक्षण करते हैं तो कथनी और करनी में अंतर आ जाता है! मोदी सरकार स्थानीय हितों को सुरक्षित करने के लिए एक नया तरीका ला सकती है जिससे क्षेत्रवार समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी! स्थानीय लोगों को सबसे पहले रोजगार मिले ऐसी व्यवस्था कैसे बने इस पर सभी राज्यों की राय लेकर नया कानून व्यवस्था को लागू कर सकते हैं!
हर राज्य में विरोध समाप्त हो जायेगा और अगली सरकार पांच सौ पार का नारा साकार करेगी! धरातल तक पहुंच गए विचार तो विचार जिंदा रहते हैं!
सोचने की बात है बिजली जहां पैदा हो रही है! गंगा जिस आंगन से निकल रही हो वहां के लोग पीने के पानी को तरसेंगे! बिजली के आए बिना बिल भुगतान करेंगे! तो समझा जा सकता है जनता के सपनों के साथ धोखा किया गया! अपने हक हकूक पर डांका कोई सहन नहीं करता!
हर राज्य में कम वोट मिलने का बड़ा कारण स्थानीय लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया! आगे भी सुधार नहीं हुआ तो हालत गंभीर होने से रोका नहीं जा सकेगा!
जब सब पीएम नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री मानते हैं तो सबके हित भी सुरक्षित रहने चाहिए! किसी को रबड़ी मलाई पसंद नहीं कुत्ते खा रहे हैं किसी को बूंदी का लड्डू न मिले तो ये छोटी बातें छोटी होती हैं लेकिन नुकसान बड़ी बातों से ज्यादा करती हैं! कम कहना ज्यादा समझना!
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है उसे पूर्व की गलती सुधारने का अवसर मिला है ! जिससे फिर अगली सरकार पूर्ण बहुमत हासिल कर सके! अतिवादी सोच से जनता में विरोध पैदा हो जाता है लोगों को लगने लगता है ये भी अपनी जेब तक सीमित हैं! समानता वाला विचार कुछ न दे लेकिन वह विरोध को जन्म नहीं देता!
मोदी सरकार तीसरी पारी में अपने सांसद और विधायक पर ये प्रेसर रखे कि धरातल पर जाकर स्थानीय हितों के लिए काम करेंगे जिससे लोगों के बीच बढ़ती दूरी को कम किया जा सके! धरातल पर काम होगा तो विपक्ष कैसे जन्म लेगा!
आजकल कुछ लोग ये तक कह देते हैं जिस दिन बैसाखी हट गई उस दिन मोदी सरकार पैदल! कहने वाले क्या न कहें ये कम है! एक चर्चा आजकल उत्तराखंड में टांग पर टांग रखकर चल रही है केदारनाथ उप चुनाव हारना धामी सरकार को भारी पड़ सकता है कुछ लोग जड़ खोदने में लगे हैं!
इस बार चुनाव में बहुमत से दूर कैसे रहे इसका कारण मोदी सरकार को जानना होगा कि इस तरह कैसे जनता ने नकार दिया! सबका साथ सबका विकास का नारा कैसे लचक गया!
गो माता को काटना बंद करके सही किया लेकिन उनके रहने खाने, पीने के बारे में तो इस सरकार ने सोचा ही नहीं जिससे तमाम समस्या पैदा हो गई है! जानवरों के बेचने पर लगी रोक ने किसानों की आय कितनी बढ़ा दी ये उस किसान से पूछो जिसकी पूरी फसल आवारा जानवर खा गए! ये उससे पूछा जाए जिसने बेटा खो दिया जानवर से टकराकर! ये उससे पूछो जिसके घर जानवर दूध नहीं देते फिर भी पाल रखा है!
कई सवाल हैं जिसका आदेश तो दे दिया गया लेकिन उसका विपरीत प्रभाव क्या होगा! आवारा पशु लोगों को राह चलते मार रहे हैं और रोज दुर्घटना हो रही हैं तब मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल कैसे होगा! पूरे देश में जानवरों के लिए बड़ी संख्या में गोशाला बनाने होंगे!
स्थानीय सरकारें अपने नागरिक को रोजगार दे रही हैं तो उनको केन्द्र सरकार ने अलग से मदद देनी चाहिए! आपदा वाले प्रदेशों को रोजगार न होने पर हिल बोनस बेरोजगारी भत्ता दिया जा सकता है क्योंकि हिमालई राज्यों में रहने वाले लोगों को रोजगार कैसे दिया जाए! उनको चौकीदार समझ हिमालय का आर्थिक सहायता देनी चाहिए!
जिनको सरकार रोजगार नहीं दे सकती उनको वह उद्योग जगत के लोगो के फंड से बेरोजगारी भत्ता दिलाए! जनता का विकास हुआ है तो वह वोट भी देगी! चमचों का विकास हुआ तो हालत गंभीर होने वाली है! बैसाखी पर विश्वास नहीं हो सकता जो पूर्ण बहुमत से होता है!
सरकार गिरने के बाद चमचे नजर नहीं आते जो रोज सुबह चुपड़ी लेकर आते थे! आज सब कुछ करने के बाद मोदी सरकार बैसाखी पर है तो इसके लिए वह लोग जिम्मेदार हैं जो पीएम नरेंद्र मोदी को गुमराह कर अपना लाभ लेते रहे!
आज लोग कहते हैं पीएम नरेंद्र मोदी सही हैं लेकिन कुछ लोगों ने सरकार को नुकसान किया है। सही जीतने वाले, काम करने वाले को टिकट न देना, स्थानीय नेता को छोड़ बाहरी को चुनाव में थोपना भी मोदी सरकार को नुकसान कर गया! जिसने मेहनत की उसे दरकिनार कर विरोधियों के साथ घूमने वाले को टिकट मिले तो क्या होगा!
हर जगह स्थानीय विधायक होना चाहिए, जिसने सालों से लगातार अपने को अपडेट रखा है उसे ही टिकट मिलेगा तो हार मिल नहीं सकती। मोदी सरकार का यह कार्यकाल चिंतन और मनन कर सरकार चलाने वाला हुआ तो सरकार और जनता दोनों के सपने साकार होंगे।
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