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Breking news : *छोटी उम्र के बच्चे भूकंप, बाढ़, तूफान, भूस्खलन, सड़क दुर्घटनाओं जैसी आपदाओं के बारे में सीखेंगे, पढ़ेंगे तो वे आपातकालीन स्थितियों में घबराने के बजाय सही और त्वरित निर्णय ले सकेंगे* पढ़ें सी एम पुष्कर धामी की पहल…

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देहरादून। सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूएसडीएमए के नव वर्ष 2025 के कैलेंडर (वॉल तथा टेबल टॉप) का विमोचन किया और चम्पावत, रुद्रप्रयाग, चमोली और ऊधमसिंहनगर जनपद के लिए सीएसआर मद में प्राप्त 04 पिकअप वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों में टैंट, स्लीपिंग बैग, लीफलेट तथा कैलेण्डर प्रचार सामग्री रवाना की गई है।

इन फॉर बाय फॉर पिक अप वाहनों में 01-01 मिनी जनरेटर, 15 स्लीपिंग बैग एवं 70 टैंट तथा आकाशीय बिजली से बचाव हेतु 9500 लीफलेट एवं 40-40 नव वर्ष कैलेण्डर उपरोक्त प्रत्येक जनपद को भेजे गए।

यह वाहन तथा अन्य उपकरण जनपदों में आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए उपयोगी साबित होंगे।मुख्यमंत्री ने कहा आपदाओं का सामना करने के लिए जन जागरूकता बहुत जरूरी है। जागरूकता, सजगता और सतकर्ता से आपदा से नुकसान को काफी कम किया जा सकता है।

लोग आपदाओं के प्रकार, उनके प्रभाव और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक होंगे, तो वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए सही कदम उठा सकेंगे।मुख्यमंत्री द्वारा यूएसडीएमए को नव वर्ष कैलेण्डर में ऋतु अनुसार विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता सामग्री प्रकाशित किए जाने के निर्देश दिए गए थे।

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उनके निर्देश पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विभिन्न माध्यमों से आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता संदेशों तथा सामग्री का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से नियमित तौर पर आपदाओं से सुरक्षा संबंधी पोस्ट, एनीमेटेड वीडियोज को प्रसारित किया जा रहा है।

विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु जन सामान्य को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा क्या-क्या एहतियात बरतने चाहिए, इन्हें लेकर लीफलेट्स मुद्रित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ही पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन विषय को शामिल किये जाने के अनुपालन में यूएसडीएमए के स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है।

बच्चे यदि आपदाओं के प्रति जागरूक रहेंगे तो यह न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि उन्हें समाज में एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करेगा। छोटी उम्र से ही अगर बच्चे भूकंप, बाढ़, तूफान, भूस्खलन, सड़क दुर्घटनाओं जैसी आपदाओं के बारे में सीखेंगे, तो वे आपातकालीन स्थितियों में घबराने के बजाय सही और त्वरित निर्णय ले सकेंगे।

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सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यूएसडीएमए समुदायों को जागरूक करने की दिशा में भी प्रयासरत है। स्थानीय लोग ही फर्स्ट रिस्पांडर्स के तौर पर सबसे पहले किसी भी आपदा का सामना करते हैं।

आपदा संभावित क्षेत्र में स्थानीय लोग विभिन्न आपदाओं के प्रति जागरूक और उनके बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित होंगे, तो वे संकट की घड़ी में एक-दूसरे की सहायता कर सकते हैं। यूएसडीएमए द्वारा आपदा मित्रों की तरह ही आपदा सखी बनाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से समय पर आम जनमानस को अलर्ट भेजे जा रहे हैं ताकि लोगों को सचेत किया जा सके। विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए यूएसडीएमए द्वारा समस्त जनपदों तथा जन सामान्य के लिए एडवाइजरी भी जारी की है।

इस दौरान यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनन्द स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव महावीर सिंह चौहान, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद रहे।

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