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सामयिकी खबर : *शहादत को उसको ही उसके घर में चुनौती! *नेताजी* की भूल पड़ सकती है सियासत पर भारी! पढ़ें प्रधान संपादक जीवन जोशी से राज्य आंदोलनकारी पी सी तिवारी की बात…

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड की विधानसभा में सत्र के दौरान जिस तरह से अमर्यादित आदि शब्दों का प्रयोग एक तथाकथित मंत्री द्वारा किया गया वह बेहद शर्मानाक है!

इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में गुस्सा आग की तरह बढ़ रहा है जो पुष्कर धामी सरकार के लिए नई अनसुलझी पहेली बनती प्रतीत होती है !

इसके लिए भाजपा केन्द्र नेतृत्व को फैसला लेना चाहिए जिससे धामी सरकार को मुसीबत पैदा करने वाले ना पसंद लोगों को पद से हटाने का पूर्ण अधिकार सुरक्षित हो !

और धामी सरकार अपने मिशन पर केन्द्र सरकार की योजना को धरातल पर उतार सकें! कद्दावर नेताओं से ये उम्मीद जनता ने कभी नहीं की थी कि वह हमारे जमीर की चुनौती देंगे!

इसके लिए जितनी भी निंदा की जाए वह कम है! जिस जनता के आशीर्वाद से मंत्री पद तक नेता जी पहुंचे उसे ही अमर्यादित भाषा से चुनौती देने वाले नेता जी भूल गए राज्य आंदोलन का इतिहास!

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इस राज्य को बनने से लेकर देश के हर मजबूत स्तंभ में पहाड़ के पहाड़ी गरजते हैं यूं ही नहीं ले लिया उत्तराखंड राज्य ? इसके लिए घर आंगन से लोग निकले और आज भी कोई पहाड़ी को पहाड़ में ही चुनौती देगा तो उसका देवभूमि के देवता फैसला सुना दिया करते हैं! देव भूमि यूं ही नहीं है कथकथित नेता जी!

जिस नेता ने राज्य की सत्ता हो या फिर केद्र की सत्ता का दुरुपयोग किया उसका पतन हुआ है! भगवान श्री राम और श्री कृष्ण की धरती में न्याय अभी देव दरबार की तरह ही मिलता है! यहीं स्वर्ग है और यहीं नर्क मंडल की चाशनी है!

जो जैसे कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान! आने वाले चुनाव में जनता नेता जी को स्वाद चखा देगी ? ये देवभूमि की जनता को देवता तुल्य समझ जिसने पूजा उसका कल्याण हो गया समझो!

देश विदेश से श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं मंदिर में उत्तराखंड के लोग फूल रखकर मन चाहा आशीर्वाद पाते हैं! उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है और राज्य आंदोलन की तर्ज पर फिर से एक बड़े आंदोलन की जरूरत महसूस होने लगी है! जो इस तरह की सोच रखने वाले लोगों को विधानसभा संसद में जाने से रोकेगी!

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उत्तराखंड में सियासत गरमा सकती है क्योंकि तथाकथित मंत्री जी के बोल बहुत अमर्यादित हैं जो लोगों के लिए किसी खंजर से कम प्रतीत नहीं होता! धामी सरकार को चाहिए कि वह विवादों को जन्म देने वाले नेताओं के पर कतर दे जिससे जनता में भी संदेश जाएगा कि मंत्री की भी संत्री बना देती है भाजपा!

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी के साथ प्रधान संपादक जीवन जोशी की बातचीत पर आधारित लेख में उपरोक्त नाराजगी पढ़ी ये नाराजगी परिवर्तन पार्टी आने वाले चुनाव में जनता के बीच लेकर जाने का खाका तैयार कर रही है!

पीसी तिवारी कहते हैं फिर से एक बड़े आंदोलन की जरूरत है जिसमें जनता के हक हकूक बहाल हो और धामी सरकार जनता को भूमिधर कानून लाकर राज्य आंदोलन के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें! उन्होंने कहा सरकार भू कानून लाकर खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाला काम कर गई है जिसका विरोध होगा।

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