
बिंदुखत्ता। राजस्व ग्राम की पत्रावली पर वनाधिकार समिति ने आगे की रणनीति तय करने के लिए अब सर्वदलीय बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। समिति का आरोप है कि बिंदुखत्ता के राजस्व ग्राम की पत्रावली जून 2024 से शासन में लंबित है और वनाधिकार कानून के विपरीत इसे वन विभाग को भेजकर मामला और उलझा दिया गया है।
समिति ने जारी बयान में कहा है कि इस मामले पर समिति पहले ही विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के अलावा मुख्य सचिव, राजस्व सचिव, वन सचिव से मुलाकात करने के अलावा केंद्रीय जनजाति मंत्रालय को बार बार पत्र भेज चुकी है।
लेकिन फिर भी कोई ठोस समाधान नहीं निकला।इसलिए अब आर-पार की लड़ाई हेतु बिंदुखत्ता में सक्रिय सभी राजनीतिक, गैर- राजनीतिक संगठनों और उनके प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाया जाएगा।
समिति के अनुसार इसके लिए अप्रैल माह में एक बड़ी बैठक का आयोजन कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। यदि शासन जल्द समाधान नहीं करता है तो बिंदुखत्ता के लोग अगली बैठक में बड़ा फैसला लेने को मजबूर होंगे।
इधर बैठक में आमंत्रित, मिशन प्रबंधक, NRLM जानकी डसीला ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन की प्रक्रिया पोर्टल पर बिंदुखत्ता के ग्रामों के नहीं जुड़े होने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही है, जबकि CDO स्तर से निर्देशित किया जा चुका है कि बिंदुखत्ता में महिला समूह पंजीकृत किए जाएं।
जिस पर समिति ने तय किया कि डीएम नैनीताल से मिलकर बिंदुखत्ता के ग्रामों को पोर्टल में जोड़ने की मांग की जाएगी, ताकि महिलाओं को NRLM की योजनाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा सके।अध्यक्षता अर्जुन नाथ गोस्वामी तथा संचालन सचिव भुवन भट्ट ने किया।
बैठक में कै.चंचल कोरंगा, उमेश भट्ट, कविराज धामी, विनीता बसनायत, गोविंद बोरा, कुन्दन चुफाल, हरेंद्र बिष्ट, प्रताप कोश्यारी, नन्दन बोरा, रमेश कार्की, दीपक नेगी, बलवंत बिष्ट, गणेश कांडपाल, पूरन बोरा, पूरन शाही, नवीन जोशी, दुर्गा सिंह बथ्याल, गोपाल बोरा आदि शामिल रहे।














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