


लालकुआं। विधायक का चुनाव जीतने के बाद वनाधिकार समिति गठित कर विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट के प्रयासों से केंद्र सरकार के जनजाति मंत्रालय ने राज्य सरकार को अब दिए हैं निर्देश कि बिंदुखत्ता सहित सभी ऐसे गांव को राजस्व गांव घोषित्व किया जाए जो इसके अंतर्गत आते हैं।
डॉक्टर मोहन सिंह विष्ट को बधाई देते हुए लोगों ने उम्मीद जताई है जल्द राजस्व गांव की प्रक्रिया लागू होगी और पंचायत चुनाव में बिंदुखत्ता को भी शामिल किया जाना चाहिए।
बिंदुखत्ता की जनता में खुशी की लहर है बिंदुखत्ता राजस्व गांव संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक अध्यक्ष जीवन जोशी ने कहा है विधायक डॉक्टर मोहन बिष्ट से जनता को उम्मीद है कि वह अपनी युवा सोच को धरातल पर अमलीजामा पहनाने का अभूतपूर्व कार्य करेंगे। उन्होंने कहा है जनता को जो राजस्व गांव देगा बिंदुखत्ता की जनता सदैव उसकी ऋणी रहेगी।
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बिंदुखत्ता को वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत राजस्व ग्राम घोषित करने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
यह निर्देश विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट की राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (NESTS) के कमिश्नर अजीत कुमार श्रीवास्तव से दूरभाष पर हुई वार्ता आधार पर जारी किया गया है। मंत्रालय के अपर सचिव अरविंद मुद्गल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3(1)(h) के अंतर्गत वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने का अधिकार जिला स्तरीय समिति (DLC) को प्राप्त है, और यह समिति अंतिम निर्णय देने के लिए सक्षम है।
पत्र में यह भी दोहराया गया है कि वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा 2 इस प्रक्रिया में लागू नहीं होती, अतः इस कार्य में वन विभाग की कोई बाध्यता नहीं है। इससे बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया को कानूनी रूप से और बल मिला है।
डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाना उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहा है। उन्होंने बताया कि विधायक बनने से पूर्व क्षेत्र में विद्युत विभाग के कार्यों पर रोक लगी हुई थी। विधायक बनने के बाद उन्होंने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए रोक हटवाने की कार्यवाही की, जिसके बाद बिंदुखत्ता में विद्युत विभाग के रूके कार्यों के लिए ₹14 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत कराई।
इस पत्र की प्रतिलिपि जिलाधिकारी नैनीताल एवं उप महानिदेशक, जनजातीय कार्य मंत्रालय उत्तराखंड को भी भेजी गई है, जिससे संबंधित विभागों को कार्रवाई हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त हो सके।
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय ने उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग को यह निर्देश भी दिया है कि यदि बिंदुखत्ता के अतिरिक्त राज्य में अन्य ऐसे क्षेत्र हैं जो परंपरागत वन निवासी की श्रेणी में आते हैं या जो वन अधिकार अधिनियम के मापदंडों में आते हों, तो उन्हें भी राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया के अंतर्गत लाने की कार्यवाही की जाए।
इधर भाजपा मंडल अध्यक्ष रोहित दुम्का ने कहा है विधायक डॉक्टर मोहन सिंह विष्ट धरातल पर अब विकास जब करेंगे तो लोग गिन नहीं सकेंगे। उन्होंने कहा उनके प्रयास से बिंदुखत्ता की जनता के सपने साकार होने जा रहे हैं।
















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