

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों को भरने के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को 1544 पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी दी गई थी, इसके लिए 18 अगस्त 2024 को आयोग द्वारा लिखित परीक्षा करवाई गई थी, जबकि फरवरी 2025 में इसका परिणाम भी घोषित किया गया. इसके बाद आयोग ने चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की स्कूटी करने के बाद अभ्यर्थियों के नाम भी शासन को भेज दिए थे, लेकिन यह प्रक्रिया तब आधार में लटक गई जब चयनित न हो पाने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाई कोर्ट के आदेश पर इस प्रक्रिया को रोक दिया गया.
हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई इस रोक के खिलाफ आयोग ने डबल बेंच में फैसले को चुनौती दी. इसके बाद अब नतीजा यह रहा कि मामले में पूर्व में लगी रोक को हटा दिया गया है, जिसके बाद राज्य में करीब 1352 अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति पत्र मिलने का रास्ता साफ हो गया है.सहायक अध्यापक के पद पर हुई इस भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में परीक्षा में दिए गए प्रश्नों के उत्तर को लेकर सवाल खड़े किए थे. इस मामले में कुल 7 सवाल ऐसे थे, जिनके उत्तर को लेकर कोर्ट में गलत होने का दावा किया गया था. इस मामले में गढ़वाल यूनिवर्सिटी, CBSE और आयोग के प्रतिनिधि को इन प्रश्न पर निर्णय लेने के लिए कहा गया था जिसमें सात प्रश्नों में से 6 के उत्तर सही माने गए.लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद आखिरकार इस मामले में पूर्व में लगी रोग को हटा दिया गया है और अब 1300 से ज्यादा अभ्यर्थी जिनके नाम पूर्व में ही आयोग द्वारा शासन को भेज दिए गए थे. यानी उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है, जबकि बाकी 200 पदों पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा अग्रिम प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इसके बाद इन पदों पर भी अभ्यर्थियों का चयन हो सकेगा.










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