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Breking news: छोटा भाई यूं ही नहीं कह गए पीएम नरेंद्र मोदी पुष्कर धामी को! पढ़ें आलेख…संपादक की अपनी बात…साथ ही पढ़ें राज्य में जारी हुई चुनावी अधिसूचना

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(देहरादून से प्रधान संपादक *जीवन चंद्र जोशी* की खास पेशकश! संपादक की अपनी बात…) यूं तो राज्य बनने के बाद इस राज्य को कई मुख्यमंत्री मिले! पंडित नारायण दत्त तिवारी के बाद पहला नाम सीएम पुष्कर धामी का है जिन्होंने तीन साल निर्विवाद पूरे कर विपक्ष विहीन उत्तराखंड साबित कर दिखाया है! नित्यानंद स्वामी से लेकर अब तक कितने बने गिनती सबको मालूम है !

नोट: सरकार ने जारी कर दी है पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना (हरिद्वार जनपद को छोड़ अन्य जगह होंगे चुनाव)

पुष्कर धामी ने जिस अंदाज से उत्तराखंड शासन चलाया है उसके चलते अनेकों केंद्र की योजना का लाभ मिल रहा है! और ठीकठाक मुख्यमंत्री का शासन जैसा प्रतीत भी हो रहा है!

लोगों के बीच मुख्यमंत्री को लेकर सोच आशानुरूप नजर आती है कुछ अपवाद हो सकते हैं जो राजस्व के लिहाज से लिए गए निर्णय हो सकते हैं!

विपक्ष मुक्त उत्तराखंड की अगर सीएम पुष्कर धामी सरकार घोषणा कर दे तो कोई झूठ नहीं साबित होगा! विपक्ष खुद गले गले तक भ्रष्टाचार में आकंठ लबालब ताबूत की तरह नहाया हुआ है!

आज उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और नकल के खिलाफ जबरदस्त तरीके से मुहिम जारी है कहीं किसी जनपद में किसी माफिया की हिम्मत नहीं कानून से खिलवाड़ कर सके! जो कर रहा है उसकी कमर शासन/प्रशासन ने तोड़ी है! इसे धामी सरकार की धमक कह दिया जाए तो कोई झूठ नहीं लग रहा है!

लेकिन बढ़ता नशा और अवैध खनन नियम कानून के अनुसार ही उचित लगता है जिससे प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए एन जी टी के नियम को फॉलो करना होगा जिससे धरती का भू भाग भी बचा रह सके!

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पूरे राज्य में पहाड़ है! पहाड़ है तो खनन संपदा है! तब क्या सब पहाड़ खोद दिए जाए ? नियम के अनुसार हर चीज सुरक्षित रहती है इसलिए सरकार को चाहिए कि वह अप्राकृतिक दोहन को भी रोके! चिपको आंदोलन की धरती में आज भी कई अदबुझे कोयले गर्माहट का एहसास कराते हैं! जनभावना प्रकृति विरोधी नहीं होती।

एक गंभीर चिंता का विषय है कि राज्य में जब पहाड़ ही नहीं बचेंगे और तब कैसे हिमालय की रक्षा, ठंडे मौसम के मिजाज की कल्पना करेंगे! पहाड़ की संस्कृति और भूभाग को बचाए रखना होगा! इस लिए अंधाधुंध रोकनी होगी!

अवैध खनन पर सूत्र कहते हैं सरकार की आय नहीं होगी तो महीने में वेतन पेंशन, सरकारी खर्चे से लेकर समझ सकते है ! राज्य के भीतर विकास के काम कई जगह नजरों से दिख रहे हैं! बजट के लिए कुछ निर्णय लिए जाते हैं!

धामी समर्थक कहते हैं सनातन धर्म के पथ पर चलने वाला इंसान शेर के मुंह से भी बचने का ज्ञान अर्जित किए रहता है! कहते हैं चरण उठते हरि नाम तो सब काम महान कहलाएंगे!

( एक मित्र मिले बड़े डरपोक से लगे ) बोले आज ग्यारह साल में ये दिख रहा है कि देश प्रेम का भाव जन जन ने अंगीकार कर लिया है! जिससे पीएम नरेंद्र मोदी की दहाड़ सिंह की दहाड़ साबित हो रही है जिससे दिल्ली में आप साफ हो गई ? अब बिहार और ममता बनर्जी निशाने पर हैं ?

बोले पीएम मोदी की दहाड़ को इस राज्य में कितना बरकरार रखा जा सकता है और विकास धरातल पर उतारकर मोदी सरकार से इस राज्य को सुंदर , हर घर रोजगार/स्वरोजगार दिया जाना है ये सरकार की चिंता बरकरार रहे तो राज्य की जनता सीएम पुष्कर धामी को जूनियर मोदी की संज्ञा देने लगेगी! मोदी जी ने खुद छोटा भाई कहा है।

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वैसे भी विधायक लालकुआं विधानसभा क्षेत्र मोहन बिष्ट धामी जी को सीएम से पीएम बनने का आशीर्वाद मंच से दे चुके हैं! गौशाला के उद्घाटन पर लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से मिल गया जनादेश!

धामी सरकार रोजगार पर तेजी से काम करे और लकीर के फकीर के चक्कर से दूर पारदर्शिता के साथ काम करे तो उत्तराखंड खनन बेचकर ही देश का सबसे धनी राज्य बन सकता है! लेकिन इसे नहीं भूलना है कि जब भूमि होगी तब वन होंगे और तभी भवन होंगे! जरूरत के अनुसार चुगान किया जाना ही हितकर होगा।

हिसाब से नियम के अनुसार काम करके भी इस राज्य की गरीबी और पलायन की समस्या को कम किया जा सकता है इसके लिए सीएम पुष्कर धामी सरकार चिंतित नजर आती है!

कल की सोच लेकर आगे बढ़ रहे पुष्कर धामी सरकार को पीएम नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद है जो वह चाहें इस समय मोदी सरकार से करवा सकते हैं! हिमालई राज्यों को अलग से बजट प्रदान करने के लिए संसद से प्रस्ताव लाया जा सकता है कि हिमालई क्षेत्रों को आपदा प्रबंधन के लिहाज से बजट में बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए!

हर साल बरसात में पहाड़ी राज्यों में आपदा से सरकार जूझती हैं प्रशासन के लिए हर साल सिर दर्द बनकर आने वाली आपदा के दौरान अतिरिक्त बजट के लिए केंद्र सरकार को सोचने के लिए पहाड़ी राज्यों को मोदी सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।

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