

बागपत। “जहां करुणा होती है, वहीं स्थायी समाधान जन्म लेते हैं।” इसी विचार को साकार करते हुए बागपत के युवा सामाजिक कार्यकर्ता और राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित अमन कुमार का चयन सत्यार्थी समर स्कूल फॉर ग्लोबल कम्पैशन के लिए हुआ है।
यह ग्रीष्मकालीन विद्यालय, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की पहल सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कम्पैशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है।यह अनूठा विद्यालय करुणा पर केंद्रित विश्व का पहला प्रशिक्षण मंच है, जिसमें भारत सहित कई देशों के सिर्फ 25 चुने हुए युवा लीडर्स को भागीदारी का अवसर मिला है।
इस गहन आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन नई दिल्ली स्थित मुक्ति आश्रम और बाल आश्रम जयपुर में हो रहा है, जहां प्रतिभागी मानवाधिकार, शिक्षा, बाल संरक्षण, जलवायु न्याय और वैश्विक नागरिकता जैसे विषयों पर विशेषज्ञों और पीड़ित समुदायों के अनुभवों से सीख प्राप्त कर रहे हैं।

अमन कुमार ने बताया, “आज जब दुनिया युद्ध, जलवायु संकट, बाल शोषण, लैंगिक असमानता और डिजिटल विभाजन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, तब समाधान की शुरुआत हमारे भीतर निहित करुणा से हो सकती है।” उनका मानना है कि करुणा का वैश्वीकरण ही सतत विकास और वैश्विक शांति की कुंजी है।
इस विद्यालय का उद्देश्य युवाओं को ऐसा करुणा-आधारित नेतृत्वकर्ता बनाना है, जो सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि पूरे मानव समुदाय की पीड़ा को महसूस कर सके और उसके समाधान के लिए प्रतिबद्ध हो।

इस विशेष विद्यालय के समापन पर अमन कुमार सहित अन्य प्रतिभागी युवाओं को विश्व के प्रथम ग्लोबल कम्पेशन एंबेसडर का खिताब मिलेगा जो विश्वभर में करुणा, शांति और सामाजिक न्याय के संदेश को बढ़ावा देंगे।
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