नई दिल्ली।
नरेंद्र दामोदर दास भाई नरेंद्र मोदी सरकार के आठ साल बनाम कांग्रेस के साठ साल पर चर्चा होनी चाहिए! कांग्रेस व एक जैसी विचारधारा ने आजादी के बाद से देश में राज किया लेकिन एक भी सरकार ऐसी नहीं आई जिसने खुले में शौच को रोका हो! पहले जब रेल मार्ग से सफर करते थे तो डिब्बे से बाहर देखने में आंखें तक शर्म से झुक जाती थी लेकिन आज आठ साल में साठ साल हावी नजर आ रहा है! देश में लगता है कि हां कोई पीएम बैठा है जिसकी सबको डर है और सबका साथ सबका विकास है। गरीबों को राशन वितरण के मामले को लिया जाए तो पहले सड़े गेहूं अंकुरित अनाज बांटा जाता था आज मुफ्त अनाज कोरोना काल से मिल रहा है। सरकार की दया देखिए पूंजीपति भी मुफ्त का राशन खा गए! अब सरकार ने फरमान जारी किया कि गरीबों का हक मत खाओ तो दहशत से अमीर लोग राशन कार्ड जमा करवाने को लाइन में खड़े हैं। देश में पहले अस्पतालों में मुफ्त इलाज की कोई योजना नहीं थी, है मरीज को दो चार गोली देकर भेजने की परंपरा थी। किसान को आज हर महीने सरकार पांच सौ रुपया मदद देती है इससे पहले किसान आत्म हत्या किया करते थे। साठ साल बनाम आठ साल पर देश की जनता को चिंतन मनन करना चाहिए कि इन आठ साल में क्या कुछ बदला! ऑन लाइन वर्क जिसके विषय में जनता ने कभी सोचा तक नहीं होगा। आज जेब में पैसे लेकर चलने की जरूरत नहीं है। भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम लगी है अभी और अधिक कड़ाई की जरूरत है। नोट बंदी के बाद फिर से देश अपनी जगह खड़ा हो रहा है। एक आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार निजीकरण कर रही है और अपने लोगों को लाभ पहुंचा रही है! निजीकरण क्यों किया जा रहा है इसपर बात होगी तब तो पता चलेगा निजीकरण क्यों हो रहा है! काम करने वाले की हर मालिक को जरूरत होती है, जनता दरवाजे पर खड़ी हाथ जोड़ती है सरकारी कुर्सी पर बैठा बाबू डीएम अपने को जब समझे और काम नहीं करूंगा करके फरियादी को भगाता हो तब काम करने वाले को बुलाया गया तो गलत क्या है! साठ साल जिसने राज किया उन्होंने अपने उद्योगपतियों को पनपने का अवसर दिया अब भाजपा सरकार में शामिल उद्योगपतियों को काम मिल रहा है तो उसमें बुराई क्या है! जिसने देश में भाजपा को पानी दिया, उसे यहां तक लाने में हेल्प की वह आज आगे नहीं तो क्या साठ साल वालों के साथ खड़ा होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी ने आठ साल में गरीबों के जीवन स्तर को ऊंचा करने की दिशा में काम किया वो साठ साल में नजर नहीं आया। लोग पीएम नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से नहीं बल्कि दिल से प्यार करते हैं। विरोधी भी दबी जुबान से तारीफ करते हैं। जनता से मन की बात जैसे अनेक नई बात आठ साल में देखने को मिली। सेना भी इस बीच आधुनिक युग में पहुंची है। एक काम और हो जाता कि हर घर से एक सदस्य को नौकरी तो समाज और अधिक सुसज्जित होकर आगे बढ़ता। डिग्री पाकर बेरोजगार घूमते युवा का दर्द पीएम नरेन्द्र मोदी को समझना होगा। आठ साल बनाम साठ साल पर देश की जनता को चिंतन करना होगा।
*जीवन जोशी* सम्पादक* दूरगामी नयन
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