उदयपुर। नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डालने पर एक टेलर की निर्ममता पूर्वक हत्या कई सवाल खड़े कर रही है। जिस तरह रियाज अख्तरी और गौस मोहमद ने कन्हैया की हत्या किहाई वह दिल को दहलाने वाली तो है ही साथ ही ये आतंक की धमकी भी है! पोस्ट डालने समर्थन करने का अधिकार छीनने वाले आतंकी कन्हैया को मार कर क्या संदेश देना चाहते हैं ? पीएम नरेन्द्र मोदी को भी ये धमकी दे रहे हैं तब इनके पीछे से किसका समर्थन है किसके इशारे पर इन दोनों आतंकियों ने कन्हैया को मार डाला ? उदयपुर की ये घटना कई सवाल खड़े करती है जिसकी जांच बेहद जरूरी है। देश की जनता को दहशत में डालने का ये एक सुनियोजित षडयंत्र कहा जा सकता है। आतंक का फन कुचलना होगा वरना इनका साहस बढ़ेगा। कन्हैया तो एक टेलर था उसे क्या पता आज उसे बेकसूर मार दिया जाएगा! केंद्र सरकार इस घटना की तह में जाकर आतंक के मंसूबों पर पानी फेर कर असली षडयंत्र को जनता के सामने लाकर एक टेलर को न्याय दिलाने का वादा करे। हत्या के बाद हिंदू समाज में व्याप्त रोष को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता इस घटना के पीछे का सच जानना ही होगा। किसके इशारे पर इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया और इसके पीछे मंशा क्या थी। भारत सरकार कन्हैया की हत्या को मामूली घटना ना समझे ये एक चेतावनी भर है आतंकी योजना की। पीएम को तक धमकी देने का कुछ तो राज है। आतंक का ये नया फार्मूला किसने सुझाया किसके इशारे पर ये सब हुआ इसकी जांच होनी चाहिए। कन्हैया के हत्यारों को फांसी लगाकर एक महीने तक टांग दिया जाए उदयपुर की भीड़ भाड़ वाली जगह में तो भी ये सजा कम होगी। इस घटना ने हिंदू समाज की सोचने को मजबूर कर दिया है ये घटना मामूली घटना नहीं है।
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