उत्तराखंड के चमोली जिले के दूरस्थ गांव पाणा की गर्भवती महिला ने अस्पताल आते समय रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला को ग्रामीण डंडी के सहारे पैदल गोपेश्वर जिला चिकित्सालय लेकर आ रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं। उन्हें वापस घर ले गए हैं। गौरतलब है कि गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण गांव वालों को ऐसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।
गांव पाणा की नंदी देवी पत्नी भरत सिंह को बीती रात प्रसव पीड़ा हुई। सुबह तक प्रसव नहीं होने पर ग्रामीण उसे डंडी के सहारे पैदल गोपेश्वर लाने लगे। उन्हें वाहन पकड़ने के लिए गांव से करीब सात किमी दूर पगना तक पैदल आना पड़ता है।गांव से करीब तीन किमी चलने के बाद कुल गदेरे में महिला को प्रसव पीड़ा तेज हो गई। इसके बाद महिला को वहीं उतार दिया गया। उनके साथ आ रहीं आशा और अन्य महिलाओं ने वहीं पर प्रसव करा दिया। गनीमत रही कि प्रसव सुरक्षित हो गया। इस दौरान हिम्मत सिंह, कान सिंह, प्रदीप सिंह, प्रकाश सिंह, महेंद्र सिंह, दिलबर सिंह, गांव की आशा पुष्पा देवी मौजूद रहीं।
गांव ईराणी में उपस्वास्थ्य केंद्र है। यहां तैनात फार्मासिस्ट और वेलनेस सेंटर के सीएचओ यात्रा ड्यूटी पर हैं। वहीं एएनएम भी इन दिनों यहां नहीं हैं।
–कलावती देवी, प्रधान, ग्राम पाणा।
- उपस्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट नहीं है तो शीघ्र फार्मासिस्ट की व्यवस्था की जाएगी। यदि क्षेत्र में एनएम मौजूद नहीं थी तो उससे स्पष्टीकरण लिया जाएगा।–डॉ. राजीव शर्मा, सीएमओ।
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