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योगी 2.0: यह है सीएम आदित्यनाथ के सौ दिन का ‘सॉलिड एजेंडा’, पहली बड़ी प्राथमिकता में यह है शामिल

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का 100 दिन का एजेंडा तैयार हो गया है। इस एजेंडे के तहत जिम्मेदारों को ऐसे-ऐसे टास्क दिए गए हैं, जिसका न सिर्फ जनता से सीधा वास्ता है बल्कि नौकरी से लेकर सुरक्षा और समाधान से लेकर कानून व्यवस्था तक का पुख्ता इंतजामात करने का पूरा मसौदा तैयार कर लिया है। योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगले 100 दिन का एजेंडा तैयार कर उस पर तुरंत काम शुरू किया जाए।

योगी सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे पहले
पार्टी के संकल्प पत्र का असर दिखना शुरू हो रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली बैठक के बाद इस पर अमल करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। पहले चरण में योगी सरकार बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए सिलसिलेवार व्यवस्था शुरू करने जा रही है। योगी ने सभी महकमों को निर्देश दिया है कि वह अपने विभाग में खाली पदों का पूरा ब्यौरा तैयार कर उनके समक्ष रखें। ताकि लोगों को नौकरियां दी जा सके। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने 100 दिन के भीतर पूरा मसौदा तैयार कर उस पर अमल करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। 

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प्रदेश की एक ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए यह है रोडमैप 
इसके अलावा उत्तर प्रदेश को अर्थव्यवस्था की राह पर आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने तय किया है कि दस अलग-अलग प्राथमिक सेक्टर बनाए जाएंगे। उनके टारगेट को पूरा करने के लिए चरणबद्ध तरीके से समीक्षाएं शुरू होंगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन इकोनामी के लिए तैयार करना सरकार का लक्ष्य है। योजना के तहत इस लक्ष्य को पाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार नजर बनाए रखेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर 15 दिन पर इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट देखेंगे। जबकि तय किया गया है कि विभागों के मुख्य सचिव हर सप्ताह एक ट्रिलियन इकोनॉमी के रोड मैप पर प्रोग्रेस रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे।

30 दिनों की समीक्षा की जाएगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल कितना असरदार होने वाला है इसके लिए तय किया गया है हर 30 दिन पर यानी कि एक महीने के भीतर पिछले 30 दिनों की समीक्षा की जाएगी। उसके परिणाम देखे जाएंगे। उत्तर प्रदेश शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि एक महीने के भीतर हर विभाग की प्रगति रिपोर्ट तो तैयार की जाएगी। योजना अनुरूप सरकार ने 30 दिन, 100 दिन और 6 महीने के साथ फिर एक साल का पूरा लक्ष्य बड़ी बड़ी योजनाओं के अनुरूप तैयार करने का निर्देश दिया है। 

सभी कसौटी पर खरा उतरना चाहती है सरकार
जिस तरीके से इस बार योगी सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ जनता ने दोबारा सरकार में चुना है, इसलिए सरकार उनकी सभी कसौटी पर खरा उतरना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और योगी सरकार 2.0 में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना कहते हैं कि उनकी सरकार जनता के लिए ही है। इसलिए जनता के प्रति लिए गए उनकी सरकार के संकल्पों को पूरा करना उनकी प्राथमिकता में है। वो कहते हैं कि बीते 5 सालों में उनकी सरकार लगातार जनता के लिए ही समर्पित रही है। अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश की जनता के हितों के लिए न कहीं अनदेखी होनी चाहिए और ना ही कोई फाइल रुकनी चाहिए। वक्त पर सभी काम हो और निरंतर एजेंडे और कार्य की समीक्षा होगी।

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लापरवाही नहीं बरतने के आदेश
योगी सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों और प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि कानून व्यवस्था और जन जन तक पहुंचाई जाने वाली लोक कल्याणकारी योजनाओं में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसके लिए बाकायदा ग्रामीण स्तर पर जिला प्रशासन और अन्य जिम्मेदार महकमे के लोगों की पूरी कमेटियां बनाई गई है। जिनकी जिम्मेदारी गांव के छोटे-छोटे इलाकों तक में कानून व्यवस्था और लोक कल्याणकारी योजनाओं की बारे में न सिर्फ फीडबैक लेकर उसको पूरा करना है, बल्कि उनकी समस्याओं का निदान की ग्रामीण स्तर पर करने के निर्देश दिए गए हैं।

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