देहरादून। हर विभाग में रोजगार पाने के लिए सोर्स लगाना पड़ता है! पहले ये बात अटपटी लगती थी और लोग कहते थे नसीब में होगा तो नौकरी लग जायेगी! उत्तराखंड में अब नसीब लिखने का मानो ठेका हो गया है! जिसके पास विधायक, मंत्री, अधिकारी, विधानसभा अध्यक्ष होगा उसकी ही नसीब उत्तराखंड में खुलेगी ? राज्य बनने के बाद जितने लोगों को रोजगार मिला उसकी ईमानदारी से जांच हो तो सामने सच्चाई आ जायेगी! राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा ये सपना संजोकर अलग राज्य मांगा था। राज्य बना तो जितने विधायक, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष बने उन्होंने अपनों की नसीब खोली! उत्तराखंड में पुष्कर धामी जब पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतकर दोबारा मुखमंत्री बने तो ये रहस्योद्घाटन हुआ! अब कांग्रेस वाले विपक्ष में हैं लेकिन खुलकर इसका विरोध नहीं कर रहे क्योंकि उनके नेताओं ने ही नसीब खोलने का सबसे पहले ठेका लिया! कांग्रेस शासन की जांच हो तो मालूम चल जायेगा कि कितना गदर गोल इन्होंने किया था! कोई मंत्री, कोई विधायक शायद ही बचा होगा जिसने अपने कुनबे को रोजगार ना दिया हो! किसी ने बहु, किसी ने बेटे, किसी ने पत्नी, किसी ने रिश्तेदार को फिट न किया हो! इनकी देखा देखी भाजपा में भी शुरू हो गई! भाजपा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भी जमकर कांग्रेस की नकल की। कांग्रेस अब बेरोजगारों के साथ खुलकर आए तो आए कैसे ? भाजपा सरकार के मुखिया पुष्कर धामी ने कड़क फैसला लेकर जांच एसआईटी को दी है लेकिन अब तक कोई नामचीन नेता तक एस आई टी के हाथ नहीं पहुंचे हैं! सरगना अब भी एस आई टी के चंगुल से बाहर हैं उल्टा प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं कि उन्होंने सब नियम के अनुसार किया है! सीएम पुष्कर धामी सरकार क्या सफेद पोश माफियाओं को भी हाकिम जैसी खुबसूरत कोठी भेजेगी ? बेरोजगार सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि जांच में दोषी सभी नेताओं को भी जेल भेजा जाए और अदालत उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाए! बेरोजगारों ने देहरादून में सरकार से ईमानदार पहल की जहां मांग की है वहीं 14 सितंबर को हल्द्वानी में हल्ला बोल रैली का एलान किया है। धामी सरकार ने उत्तराखंड के युवाओं के साथ अन्याय करने वालों को जेल भेजने का जो कदम उठाया है उससे नसीब खोलने में शामिल सभी नेता बिलों में समा गए हैं! ईमानदार अपने को दर्शाने वाले नेता भी एस आई टी के भय से अंदर ही अंदर कांप रहे हैं! राज्य बनने के बाद हर पांच सालों में नसीब खोलने वालों ने अपनों की नसीब खोली है! युवा पीढ़ी को इस बात का बेहद दुःख है कि अब उनकी नसीब का दोष नहीं ये तो नसीब खोलने वाले नेताओं का श्राप है! युवाओं को उम्मीद है कि भ्रष्टाचार में लिप्त सभी नेताओं को बेनकाब किया जाय और उनपर युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने का मुकदमा चले तथा आजीवन चुनाव लडने से इनको वंचित किया जाए! बेरोजगार सोच रहे थे कांग्रेस बेरोजगारों की आवाज उठाएगी लेकिन जब कांग्रेस के नेता ही दोषी निकलने लगे तो कांग्रेस ने अपने कदम पीछे कर लिए हैं! युवा धामी सरकार पर ही अब उम्मीद लगाए हैं कि वह राज्य के युवाओं को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभायेंगे। सीएम पुष्कर धामी ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी आदमी नहीं बचेगा इससे भ्रष्टाचारी बिलों में छिप गए हैं! विपक्ष बुनियादी सवालों को उठाने की जगह अपने नेताओं को बचाने में जुटा है! चोरी भी और सीना जोरी भी चल रही है! एस आई टी के कंधों पर सरकार ने को जिम्मेदारी डाली है इसमें नेता भी जेल जाएंगे या नेता एक दूसरे पर आरोप लगाकर बच सकते हैं! युवाओं को बहुत गुस्सा है इसे सरकार को समझना होगा! किसी के भविष्य से खिलवाड़ होगा तो वह चुप कैसे रहेगा समझा जा सकता है! एस आई टी पर युवाओं की नजरें टिकी हैं कि जांच में दोषी नेता कब जेल जायेंगे!
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