दूरगामी नयन ब्यूरो/मीडिया सेंटर
भीमताल। किसने कहा आसमान में छेद नहीं हो सकता एक पत्थर तबियत से उछालो तो यारो! इस कहावत को चरितार्थ करते हुए पिनरों गांव में कषि विभाग ने खेतों की बेहतर सिंचाई के लिए की नई व्यवस्था / अन्य विकास कार्य भी धरातल पर उतारने शुरू कर दिए हैं इस क्रम में हम आज पिनरों की अपडेट दे रहे हैं।
पिनरों ग्राम विकास खण्ड भीमताल, जनपद नैनीताल के पूर्वी सीमा में बसा हुआ सीमान्त ग्राम है, जिसमें 155 परिवार निवास करते है सभी का मुख्य व्यवसाय कृषि अथवा कृषि से सम्बन्धित कार्य है। गाँव में लगभग 20 प्रतिशत अनु0 जाति के परिवार है, जो कि गाँव के सल्यूड़ा तोक में अधिकांशत निवास करते है, गाँव के कृषक मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन पर निर्भर है, यहाँ पर मटर, हरी मिर्च, बैंगन, शिमला मिर्च, गोभी, धनिया, टमाटर आलू एवं फ्रेंचबीन आदि, सब्जियों का अच्छा उत्पादक किया जाता है।
धान्य फसलों में गेहूँ एवं जौ तथा कुछ क्षेत्र में धान भी उगाया जाता है ग्राम पिनरों का अधिकांश क्षेत्र असिंचित है, विगत कुछ वर्षों में कृषि विभाग द्वारा सिंचाई टैंक निर्माण कर तथा पाईप वितरण द्वारा सिंचक क्षमता में वृद्वि की है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि पिनरों ग्राम में ग्रामवासियों द्वारा जो कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने की माँग की गई उनमें जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु घेरबाड़ करना था। इस हेतु अनुसूचित जाति बहुल तोक सल्यूड़ा में लगभग 1100 मीटर घेरबाड़ बनवाई गई है।
जिससे कृषकों को जंगली जानवरों से बहुत सुरक्षा मिली है इसी तरह तोक धूरा व अन्य क्षेत्रों हेतु कृषकों की माँग पर सामूहिक रूप से चेनलिंक फेन्सिंग 3000 मीटर उपलब्ध करायी गई है जिसका सकारात्मक प्रभाव तुरन्त दिखने लगा है, कृषकों को इस सुरक्षा के कारण लगभग 30 प्रतिशत लाभ सब्जी उत्पादन में मिला है। उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्षों में गाँव में 3 एफ0एम0बी0 स्थापित किए जा चुके है। जिससे कृषकों को कम लागत व कम समय में कृषि कार्य करने में मदद मिल रही है जिसका प्रभाव कृषि उत्पादन व कृषकों की आय वृ़द्व के रूप में स्पष्ट दिखाई देने लगा है।
इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत रूप से भी कृषकों ने यन्त्रीकरण का लाभ लिया है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. तिवारी के अनुसार क्षेत्र में नमी एवंव सिंचन क्षमता बढ़ाने हेतु किये गये कार्य किये गये है। जिस तरह अमृत सरोवर निर्माण – ग्राम पिनरों के तोक धूरा में गाँव के ऊपरी क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में 32 मीटर × 10 मीटर × 1.30 मीटर आकार का सरोवर बनाया गया है जो वर्षा के जल का संग्रहित कर कृषि भूमि का नमी उपलब्ध कराने का काम कर रहा है।
असिंचित कृषि क्षेत्र के लिए यह नमी अमृत का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम के अर्न्तत प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत 9 सिंचाई टैंकों का निर्माण किया गया है जिससे लगभग 15 हैक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है, इसके अतिरिक्त एच0डी0पी0ई0 पाईप वितरण एवं स्प्रिंगलर सैट स्थापित कर भी सिंचन क्षमता में वृद्वि के साथ-साथ जल के सदुपयोग को बढ़ाया गया है। इन सब उपायों का असर कृषि उत्पादन में वृद्वि एवं कृषकों की आय में वृद्वि के रूप में परिलक्षित हुआ।
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