Durgami Nayan

Latest Uttarakhand News in Hindi

ब्रेकिंग न्यूज*जब पहाड़ ही नहीं रहेंगे तो पहाड़ी कहां होगा* ? पढ़ें प्रधान संपादक *जीवन जोशी* की अपनी बात…

Ad
खबर शेयर करें -

रुद्रप्रयाग/काठगोदाम। (प्रधान संपादक जीवन जोशी) उत्तराखंड में दैवीय आपदा बढ़ते ही जा रही है जो सोचनीय और चिंतनीय विषय बनता जा रहा है! हर तरफ भूस्खलन, बादल फटने और व्यापक तबाही की तस्वीरें नवोदित राज्य में चिंता की लकीरें खींच रही हैं!

कभी मालपा जैसा गांव इस राज्य के मानचित्र में विराजमान हुआ करता था तो वहीं धराली जैसा रमणिक गांव अपनी अलग पहचान रखता था! बसासत से राज्य बनने तक जो गांव घर सुरक्षित हुआ करते थे वह आज अचानक असुरक्षित कैसे हो गए ?

जिन पहाड़ और कंदराओं पर अटूट विश्वास था वह कैसे दरकने लगे हैं ? बहुत ही चिंता की बात है कि इस तरफ कोई न विचार कर रहा है और न कोई भूगर्भीय जानकर लोगों की बात का अनुसरण कर रहा है!

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज: *अपर जिलाधिकारी ने किया जमरानी बांध का निरीक्षण*! पढ़ें : जमरानी बांध अपडेट...

पहाड़ को विनाश की तरफ धकेलने की तथा कथित कोशिश के कारण ही आज पहाड़ असुरक्षित हो गए हैं! जड़ों पर प्रहार होने से पहाड़ कमजोर हुए हैं और अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे कटाव के कारण समूचे प्रदेश में आपदा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है!

उत्तराखंड में बढ़ता आपदा का ग्राफ यह सोचने को मजबूर करता है कि क्या कारण है जो आपदा निरंतर बढ़ रही है! राज्य बनने के बाद इस बात का आंकलन किया जाना चाहिए था कि अवैज्ञानिक तरीके से काम का परिणाम क्या होगा! पर्यावरण संरक्षण के लिए जो काम कर रहे हैं उनकी आवाज को अनसुना किया जाता रहा है!

पैसा कैसे आएगा ये सोच हर सरकार की रही है लेकिन राज्य कैसे बचेगा इसे लेकर कहीं गोष्ठी नहीं सुनाई देती है! पैसा जरूरत है लेकिन जब राज्य की जनता ही नहीं रहेगी तब पैसा किस काम का है!

विनाशलीला को रोकने के लिए हर जिले में हर माह आपदा प्रबंधन की तर्ज पर गोष्ठी हों और वन पंचायत, जल, जंगल, जमीन में लोगों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी तब कहीं इसके लिए सही निर्णय सामने आएंगे!

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज: ₹67 करोड़ की लागत से काठगोदाम रोडवेज बस टर्मिनल और वर्कशॉप का निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा! पढ़ें धामी सरकार की धमक... वीडीओ देखें...

जनता का जल, जंगल और जमीन से रिश्ता कमजोर होना भी अपने आप में एक बड़ी ओढ़ा है! गांव के लोगों को मालूम होता है किस पहाड़ पर कहां पेड़ होना चाहिए और कहां दीवार लगाने से भूस्खलन रुकेगा ।

उत्तराखंड की बचाना है और आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करना है तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आमूलचूल परिवर्तन की दरकार है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

👉 न्यूज अपडेट पाने के लिए 8218146590, 9758935377 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें