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ब्रेकिंग न्यूज: पुलिस और एस ओ जी ने पकड़े 1 करोड़ 32 लाख के नशीले इंजेक्शन! पढ़ें उत्तराखंड की बड़ी अपडेट…

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काशीपुर। उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र में नशे की अवैध सप्लाई की एक बड़ी साजिश को पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने नाकाम कर दिया है। पुलिस ने एक करोड़ बत्तीस लाख के नशीले इंजेक्शन बरामद किए हैं जबकि आरोपी फरार बताया जा रहा है।

संयुक्त कार्रवाई में काशीपुर स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से 18 पेटियों में भरे दो प्रकार के कुल 43,950 प्रतिबंधित इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।

जिनकी खुदरा बाजार में कीमत करीब 1 करोड़ 32 लाख रुपये आंकी गई है। ये इंजेक्शन नियंत्रित औषधि की श्रेणी में आते हैं और नशे के लिए अवैध रूप से खपाने की तैयारी की जा रही थी।

मंगलवार को एसएसपी मणिकांत मिश्रा और एसपी स्वप्न किशोर सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह कार्रवाई सोमवार देर शाम की गई।

पुलिस और एसओजी टीम एनडीपीएस एक्ट में वांछित नजीबाबाद निवासी रिपुल चौहान की तलाश में दढ़ियाल रोड क्षेत्र में पहुंची थी।

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तभी मुखबिर से सूचना मिली कि रिपुल चौहान की ओर से मंगवाया गया नशीला माल काशीपुर के दढ़ियाल रोड स्थित सेफ एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट के गोदाम में रखा है।

मिली जानकारी के अनुसार रिपुल चौहान ने इन इंजेक्शनों को नशे के लिए अवैध रूप से बेचने के उद्देश्य से मंगवाया था।

लेकिन उसके साथी दीपक ठाकुर के 19 नवंबर को पकड़े जाने के बाद वह फरार हो गया। पुलिस टीम ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के ब्रांच हेड पवन कुमार से पूछताछ की, जिसमें पता चला कि जालंधर से वत्सल मेडिकल स्टोर के नाम से दो शिपमेंट काशीपुर भेजे गए थे।

गोदाम की तलाशी के दौरान 18 पेटियां बरामद की गईं। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार और औषधि निरीक्षक निधि शर्मा की मौजूदगी में जब पेटियां खोली गईं तो उनमें भारी मात्रा में नशीले इंजेक्शन पाए गए।

16 पेटियों में बुप्रेनोर्फिन इंजेक्शन के 1,598 डिब्बों में कुल 39,950 इंजेक्शन मिले, जबकि दो पेटियों में रेक्सोजेसिक (बुप्रेनोर्फिन) इंजेक्शन के 160 डिब्बों में 4,000 इंजेक्शन बरामद हुए।

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ट्रांसपोर्ट कंपनी के ब्रांच हेड ने पुलिस को बताया कि शिपमेंट के बिल पर दर्ज मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आ रहे थे।

बाद में जालंधर बुकिंग ब्रांच से मिले एक नंबर पर संपर्क करने पर महिला ने बताया कि वत्सल मेडिकल स्टोर बंद हो चुका है और शिपमेंट वापस भेजने को कहा गया था। वाहन में जगह न होने के कारण शिपमेंट वापस नहीं भेजी जा सकी और गोदाम में ही रखी रह गई।

इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, लेकिन मुख्य आरोपी रिपुल चौहान की तलाश में पुलिस टीमें संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं।

इधर पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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