

नैनीताल। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राजभवन नैनीताल की 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने राजभवन नैनीताल के वर्चुअल टूर का लोकार्पण किया। इस वर्चुअल टूर के माध्यम से लोगों को ऐतिहासिक राजभवन के डिजिटल भ्रमण का अनुभव मिलेगा।
यह वर्चुअल टूर दर्शकों को राजभवन के स्थापत्य कला, प्राकृतिक सौंदर्य तथा ऐतिहासिक महत्व से रूबरू कराएगा। वर्चुअल टूर को राजभवन की वेबसाइट governoruk.gov.in पर जाकर देखा जा सकेगा।

इस अवसर पर राजभवन नैनीताल पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। यह फिल्म राजभवन नैनीताल की गौरवशाली विरासत, स्थापत्य सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व को प्रभावी रूप से प्रदर्शित करती है।
फिल्म के माध्यम से दर्शक राजभवन के इतिहास, उसकी स्थापत्य विशेषताओं और राज्य की समृद्ध विरासत से अवगत हो सकेंगे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन गणराज्य का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के गठन के उपरांत यह ऐतिहासिक भवन राज्य की प्रगति का अभिन्न हिस्सा बन गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। संविधान निर्माताओं ने राज्यपाल के अधिकारों और कर्तव्यों को गहन विचार-विमर्श के उपरांत निर्धारित किया था।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता राजभवन को एक सम्मानित स्थान के रूप में देखती है, इसलिए राज्यपाल के कार्यालय से जुड़े सभी सदस्यों को सरलता, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता जैसे गुणों का पालन करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड राज्य अपने गठन से लेकर अब तक निरंतर प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल और उनकी टीम राज्य के नागरिकों को अमूल्य प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे तथा उत्तराखण्ड निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के राजभवन नैनीताल के प्रथम आगमन पर उनका हार्दिक स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिए अत्यंत गर्व और सम्मान का क्षण है। उन्होंने राष्ट्रपति महोदया का राज्य के प्रति स्नेह, मार्गदर्शन एवं निरंतर सान्निध्य के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया।
राज्यपाल ने कहा कि जब राजभवन नैनीताल अपने 125वें वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर है, यह अवसर हमारे अतीत की गौरवगाथा, वर्तमान की सृजनशीलता और भविष्य की प्रेरणा, तीनों का अद्भुत संगम है।
उन्होंने कहा कि राजभवन नैनीताल का 3-डी वर्चुअल टूर की यह पहल डिजिटल इंडिया के उस विजन का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ तकनीक केवल सुविधा का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति और विरासत के संरक्षण का सशक्त साधन बन रही है।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन नैनीताल पर आधारित लघु फिल्म हमारी विरासत को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है। फिल्म यह संदेश देती है कि परंपरा, स्थापत्य और प्रकृति का संतुलन ही हमारे जीवन मूल्यों की वास्तविक प्रेरणा है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दी गईं, जिन्होंने अतिथियों को राज्य की सांस्कृतिक विविधता, लोक-परंपराओं और लोक नृत्य की सुंदर झलक से परिचित कराया। सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन ने उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेन्द्र, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावतवरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर, विधि परामर्शी राज्यपाल कौशल किशोर शुक्ल, आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव राज्यपाल रीना जोशी, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल,एस एस पी डॉ मंजूनाथ टीसी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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