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लालकुआं: आखिर कब तक होंगे निरीक्षण और फोटो शूट, बिंदुखत्ता के तटीय भागों की अनदेखी क्यों ??…

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बिंदुखत्ता: हर साल की तरह इस बार भी बिंदुखत्ता के तटीय इलाकों के हाल जस के तस बने हुए है अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि निरीक्षण करके और फोटो खींचा कर के चले जाते है। स्थानीय लोग डर की नींद सो रहे है कि न जाने कब नदी उनके घर जमीन अपने आग़ोस मैं ले लेगी किसी को नहीं पता। स्थानीय तटीय इलाकों के निवासियों की माने तो उनका कहना है कि वह बरसात शुरू होने से पहले कई बार शासन प्रशासन को अवगत करा चुके हैं कि तटबंध बना दिए जाएं उनकी जमीन और मकान को खतरा है। बावजूद इसके आज जब गौला नदी अपने उफान पर है और नदी का रुख गांव की ओर हो गया है तो इस बार फिर से ग्रामीणों की जमीन गौला में समा रही है। और अधिकारी और जनप्रतिनिधि फोटो शूट कर रहे है और निरीक्षण करने की बात कहकर जा रहे है।

पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में बिंदुख़त्ता सहित तटीय भाग को बचाने के लिए एक बार गंगा बाढ़ नियंत्रण योजना के तहत काठगोदाम से शांतिपुरी तक दीवार लगाने के लिए डीपीआर बनी थी!लेकिन उनके हटने के बाद गंगा बाढ़ नियंत्रण योजना का बजट अवमुक्त करवाने के लिए किसी ने या तो पहल नहीं की या फिर कुछ और कारण रहा! गंगा बाढ़ नियंत्रण योजना के तहत डाम की नहर जैसा इस गौला नदी को बनाया जाना था! लेकिन हर साल लोग इससे अपना सब कुछ गंवा रहे हैं पर समस्या जस की तस है।

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जिला प्रशासन को लोगों का विरोध झेलना पड़ता है जबकि काम के लिए जिम्मेदार लोग गायब हो जाते हैं! आपदा प्रबंधन टीम में नेताओं को भी शामिल किया जाए तब नेताओं को धरातल का ज्ञान होगा कि उनकी करतूत का फल प्रशासन को किस प्रकार झेलना पड़ता है!लालकुआं नदी किनारे दीवार के लिए बड़े बजट की दरकार है टुकड़ों में तटबंध बनाना पैसे का दुरुपयोग नजर आता है! चैनल खोदने से भी नदी के पानी का रुख नहीं मोड़ा जा सकता! रेत की दीवार कभी नदी का वेग नहीं सह सकती! रेत खिसक जाएगी! यह प्रमाण दिख रहा है! चैनल खोदने से भी कोई लाभ नहीं दिखता। इसका समाधान बड़े बोल्डर के तटबंध ही हैं जो दीवार की तर्ज पर बनें जिसके पीछे से नदी न घुस पाए।

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अभी बने तटबंध इसलिए कामयाब नहीं हो रहे हैं कि दीवार जैसी न होने से पानी तटबंध के पीछे से घुसकर तटबंध को ही ध्वस्त कर रहा है। इसलिए दिक्कत कम होती नजर नहीं आती है।जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह नदी नालों से दूर रहें। आपदा प्रबंधन टीम कंट्रोल रूम से पूरे जनपद में पैनी नजर रखे हुए है।

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