Durgami Nayan

Latest Uttarakhand News in Hindi

लालकुआँ:- पलायन पर कवि गोकुलानंद की कविता….

Ad
खबर शेयर करें -

*नीचे दी गई कविता के माध्यम से, कवि यह कहना चाहते हैं कि* पहाड़ की युवतियों का तराई क्षेत्र (भाभर) में शादी करने के लिए पलायन दुखद है और यह पहाड़ी संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और सामाजिक मूल्यों की उपेक्षा है। वह युवाओं से अपनी जड़ों को न छोड़ने और पहाड़ में ही अपना जीवन बसाने का आग्रह करते हैं, ताकि पहाड़ खाली न हों और उनकी पहचान बनी रहे। *इस कविता से हमें यह सीख मिल रही है* -: यह कविता हमें अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े रहने, पलायन के नकारात्मक प्रभावों को समझने, बाहरी आकर्षणों से सावधान रहने, पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करने और अपने समुदाय के प्रति जिम्मेदार होने की सीख देती है। यह हमें अपने क्षेत्रों के विकास के लिए सोचने और कार्य करने के लिए भी प्रेरित करती है।

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज: चुनाव ड्यूटी से लौट रही महिला अधिकारी से छेड़छाड़! चलती कार से कूदकर जान बचाई! पढ़ें रानीखेत अपडेट...

*भाभर में डेरा क्यों ना होगा फेरा*

कवि गोकुलानन्द जोशी पता – करासमाफ़ी काफलीगैर बागेश्वर वर्तमान पता -बिंदुखत्ता लालकुआं नैनीताल

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

👉 न्यूज अपडेट पाने के लिए 8218146590, 9758935377 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें