संपादकीय
संगठन ही जीत की कुंजी!
जीवन की कलम से…
लोकसभा चुनावों की मानो देश में रणभेरी बजने लगी है हर दल इसके लिए अपने अपने स्तर पर तैयारी में जुट रहा है। भाजपा ने अब तक पूरे देश में बूथ स्तर तक मजबूत टीम खड़ी कर ली है। गुटबाजी तो भाजपा में भी निचले स्तर पर खूब होने लगी है! कई जगह देखा जा रहा है कि जीते हुए प्रतिनिधि और संगठन में दूरी बनी है जिससे मजबूत लगाव वाला कार्यकर्ता अलग थलग नजर आ रहा है जिसमें सुधार किए बिना चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा!
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए बिना शर्त एक होते दिख रहे हैं! चुनाव में एक तराजू में भाजपा दिखेगी तो दूसरी तरफ मोर्चा होगा! मोर्चा जनता को कितना आकर्षित कर पाता है और कितना हिंदू मतदाता टूटता है भाजपा से ये महत्व पूर्ण होगा! हिंदू मतदाता अगर भाजपा से जुड़ा रहा और सनातन धर्म के लोगों ने एकता बनाकर चुनाव में भाजपा को वोट दिया तो फिर मोर्चा सरकार नहीं बना सकेगा!
मोर्चा तुष्टिकरण की सियासत से बाहर निकलकर आम जनता को केंद्र में रखता है और महंगाई बेरोजगारी पर युवा वर्ग को समझाने में सफल होता है तो चुनाव रोचकता की तरफ बढ़ेगा और सीट ऊपर नीचे खिसकेगी! भाजपा के अलावा अन्य किसी दल का संगठन बूथ स्तर तक मजबूत नहीं दिख रहा है! कहीं कहीं काले खूट की तरह बिखरे कार्यकर्ता चुनाव में कैसे जीत दिला सकेंगे! यह बात भी मायने रखेगी!
संगठन और जन संवाद जिसका आम जनता के बीच मजबूत होगा वही जीत का सेहरा बांध सकेगा! अब तक भाजपा नंबर वन पर चल रही है भविष्य में क्या होगा ये समझा जा सकता है! बुनियादी मुद्दों पर चुनाव अब होते नहीं अब तात्कालिक मुद्दे सामने आ जाते हैं इसलिए सावधानी बरतनी हर दल की जरूरत है। संगठन ही जीत की असल कुंजी है।
More Stories
लालकुआँ:-बिंदुखत्ता निवासी एनएसजी कमांडो की दिल्ली में फायर ड्रिल के दौरान गोली लगने से मौत , 2 हफ्ते बाद थी शादी…
विधायक डा. मोहन बिष्ट के प्रयास से दस स्कूलों की मान्यता को मिली हरी झंड़ी! पढ़ें लालकुआं विधानसभा क्षेत्र अपडेट…
महिलाओं से सोने की ठगी का मामला पहुंचा कमिश्नरी! पढ़ें 74 महिलाओं के रख लिए जेवर…