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गौला नदी किनारे तटबंध/ दीवार नहीं बनी तो सैकड़ों लोग हो सकते हैं बेघर! सीएम पुष्कर धामी सरकार से जनता को है उम्मीद! जनता बोली जल्द बनें हर गांव किनारे तटबंध! पढ़ें क्या शर्त पूरी नहीं कर रही कार्यदाई संस्था…

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बिंदुखत्ता। गौला नदी बेरोजगारी का अब समाधान बन गई है जिससे नदी में मानकों की रक्षा बेहद कठिन हो गई है! नदी में चुगान की अनुमति कागज में धरी रह जाती है! बीस फिट के करीब नदी गहरी हो गई है! हाथी कारीडोर में जमा आरबीएम एकत्र होकर हर साल आ रहा है तो वहीं हाथी कारीडोर के बांध से हल्द्वानी तक आरबीएम एकत्र हो जाता है! नदी से चुगान की अनुमति कुछ शर्तों पर मिलती है लेकिन यहां शर्त सिर्फ कागज का पेट भरने जैसा लगता है!

भू कटाव रोकने के लिए कार्यदाई संस्था को तटबंध, दीवार, पेड़ लगाने को आदेश जारी है लेकिन मानकों की अनदेखी आने वाली वर्षा ऋतु में दुखद होगी! जमरानी बांध बनने तक नदी का वर्चस्व है उसके बाद नदी मिट्टी के टीले में तब्दील हो सकती है! शांति पुरी से नदी में मिट्टी की चट्टान बहुत तेजी के साथ नदी में हल्द्वानी की तरफ बढ़ रही है जो आरबीएम को निगल रही है!

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इधर नदी किनारे तटबंध नहीं बनने के कारण गहरी नदी किनारे तेजी से काट रही है! हर साल नदी से कटान हो रहा है लेकिन किसी को जनता की सुध नहीं है जब लोग उजड़ने लगते हैं तब घड़ियाली आंसू बहाने वाले बखूबी अपनापन निभाना नहीं भूलते!

रावतनगर, संजयनगर, इंद्रा नगर को आने वाली बरसात से पूर्व तटबंध नदी किनारे नहीं मिले दीवारें नहीं बनी तो नदी से कई गांव खतरे में आ जाएंगे! दिवान सिंह , मीना देवी, स्वरूप सिंह सहित कई लोगों ने आज नदी से हो रहे नुकसान की कहानी बयां करते कहा कि दर्जनों लोग हर बरसात में अपनी उपजाऊ भूमि खो चुके हैं, कई घर, श्रीलंका टापू का सरकारी स्कूल नदी में समा गया लेकिन आज तक किसी भी जन प्रतिनिधि ने कार्यदाई संस्था से जनता के अधिकार पर बात तक नहीं की!

जिससे हर साल बनने वाले तटबंध जाल बिछा कर पत्थर भरने का खेल सालों से चलता आ रहा है! हर साल करोड़ों के तटबंध बनते हैं और हर साल बह जाते हैं ये भी एक बड़ी जांच का विषय है! सरकार को हर साल करोड़ों का चूना विभाग के अधिकारियों द्वारा लगाया जाता रहा है! मजबूत तटबंध दीवार निर्माण एक बार हो जाता तो हर साल करोड़ों रुपए खर्च नहीं होता!

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लेकिन गंगा बाढ़ नियंत्रण योजना के बावजूद मजबूत तटबंध दीवार निर्माण नहीं हो सका! करोड़ों को गंगा बाढ़ नियंत्रण योजना आई और हजम हो गई जो जांच का विषय होना चाहिए! कहां गया गंगा बाढ़ नियंत्रण योजना का बजट! पूर्व सरकार में इस योजना का हुआ था संचालन!

जनता के सपनों को साकार करने के लिए सीएम पुष्कर धामी सरकार जी जान से जुटी है तो उम्मीद की जा सकती है कि नदी किनारे मजबूत दीवार आबादी को बचाने के लिए बने खनन समिति इसके लिए अनुदान दे सकती है! लोग सीएम पुष्कर धामी सरकार से उम्मीद लगाए हैं कि वह जनता को राजस्व गांव और नदी से बचाने के लिए मजबूत दीवार बनवाएंगे!

बिंदुखत्ता के लोगों को सीएम पुष्कर धामी सरकार से जो उम्मीद है उस पर वह कितना कुछ कर पाते हैं वह सीएम पुष्कर धामी सरकार पर निर्भर करता है कि वह जनता को बचाने के लिए मजबूत पहल करेंगे।

दो माह बचे हैं न चैनल खोदा गया है और न दीवार हर गांव किनारे लगी है जिससे नदी किनारे रहने वाले लोग गुस्से में हैं।

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