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लाजवाब जोड़ी ने हिलाया धर्मनिरपेक्ष ताकतों को! पढ़ें संपादक जीवन जोशी की कलम से…

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नैनीताल। भारत में आजादी के बाद पहली बार किसी जोड़ी ने पूरी दुनियां को भारत की ताकत से रूबरू करवाया है! अपवाद राजनीति में हो सकते हैं, कमियां भी हो सकती हैं लेकिन बहुसंख्य लोग जिस जोड़ी के फैन इन आठ सालों में हुए हैं वह जोड़ी है पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह! इस जोड़ी ने भारत की अन्य दक्षिण पंथी वामपंथी विचारधारा को हिलाकर रख दिया है! हिंदुस्तान की हर राजनीतिक दल इस जोड़ी के आगे फेल हो गया है!

भारत में नेता कई हुए लेकिन पहलीबार बहु संख्यक समुदाय को फील गुड हो रहा है! राम मंदिर निर्माण, धारा 370, गरीबों को राशन, इलाज जैसे निर्णय ने भाजपा को मजबूती दी है। मोदी जी और शाह जी की जोड़ी ने धर्म निरपेक्ष ताकतों को हांशिए में जिस तरह धकेला है उसे देख लगता है कि अब भारत में धर्म निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक दल अपना वजूद भी बमुश्किल बचा सकेंगे!

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हिंदुत्व की लहर पूरे देश में जिस तरह चल पड़ी है उसे रोक पाना अब बेहद कठिन लगता है! देश में जिस तर्ज पर सियासत चल रही है उसे देख लगता है कि विपक्ष के नाम पर नेता तो होंगे लेकिन उनके पीछे की भीड़ गायब होगी! दिख भी रहा है तमाम मुद्दे हैं लेकिन विपक्ष गायब है इसका कारण है कि जनता मोदी सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाना चाहती! लगता है देश हिंदू राष्ट्र की तरफ तेजी से बढ़ रहा है!

सनातन धर्म पथ संचलन तेज हो गया है लोग हिंदू धर्म बचाने के लिए भाजपा को ही सत्ता में बनाए रखने के पक्षधर दिख रहे हैं! विरोधी दल भाजपा को उखाड़ने के लिए मजबूत पहल शुरु कर चुके हैं लेकिन जनता के बीच जाकर उनकी पार्टी कमजोर हो रही है! लोग पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी पर विश्वास कर चुके हैं इसलिए इस विश्वास को तोड़ पाना मुश्किल होगा! लोकसभा चुनाव जीतना भाजपा के लिए इस बार 2024 में भी ज्यादा कठिन नहीं दिख रहा है!

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राम मंदिर निर्माण से भाजपा का पारंपरिक वोट मजबूत हुआ है जिसका उसे डर लगता था! देश में राजनीतिक दलों ने मोदी सरकार को उखाड़ने के लिए ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है लेकिन उतना आसान नहीं लगता जितना विपक्ष समझ रहा है! मतदाता जब विरोधी नहीं होगा तब राजनीतिक दल क्या कर सकेंगे! चुनाव तो चुनाव है जिसमें जनता का निर्णय ही सर्वोपरि होता है! जनता में गुस्सा है या प्यार है ये तो आने वाले लोकसभा चुनावों में दिखेगा।

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