लोक संस्कृति परंपराओं को बचाना है तो अगली पीढ़ी को हमें ही प्रेरित करना होगा यह कहना है 82 साल की श्रीमती फुलदेई राणा का फुलदेई पर्व के फुलकल्यो बनाने को मौके पर।
जनपद टिहरी गढ़वाल के विकास खंड भिलंगना के जोगियड़ा गांव में फूलकल्यो त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया जहां एक ओर बच्चों में खासा उत्साह था वहीं गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस अवसर पर गांव की बहुओं ने घर से दुर कई पहाड़ी पकवान बनाए ।
चैत्र मास शुरुहोने कै साथ ही यह त्योहार मनाया जाता है जिसमें छोटे बच्चे एकत्रित होकर फूल इक्कट्ठे करते हैं और गांव मैं सबके घरों की चोखट पर डालते हैं बदले में दाल चावल इक्कट्ठे करते हैं और इसी सामाग्री से एक दिन घर से दुर जाकर खाना बनाते हैं खेलकूद करते हैं।
आधुनिकता को इस दौर मैं ओर निरंतर पलायन होते पहाड़ और खाली होते गांवो में अब एक त्योहार कहीं सिमटते जा रहे हैं या पुर्ण रुप से खत्म हो गए हैं यह कहना था78 वर्षीय श्रीमती कुमारी और 83 वर्षीय श्रीमती वैसाखी देवी 73 वर्षीय चंदरा देवी का ।
68 वर्षीय सोणी देवी और 71 वर्षीय पुष्पा देवी जी का कहना है कि इन त्योहारों को आने वाली की पीढ़ी तक पहुंचाने का काम हमारे ही जिम्मे है इस हेतू हम इन लोगों को साथ हर त्योहार मैं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
गांव की वृद्ध श्रीमती हरी देवी, श्रीमती राजकुवारी, श्रीमती भंगेड़ी देवी, श्रीमती शिवदेवी, श्रीमती मंगला देवी, इत्यादि महिलाओं ने भी इस पर्व में बिरक्त की ओर सभी बहुओं का स्वादिष्ट भोजन हेतु आभार व्यक्त किया।


लोक पर्वो को इस हर्षोल्लास के साथ मनाने हेतू जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सीता रावत जी ने ओर ग्राम प्रधान जी नै सभी ग्राम वासियों का धन्यवाद ब्यक्त किया





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