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तांगे वाले के बेटे ने एमपी तक का सफर तय किया! अतीक अहमद का जन्म से लेकर मरने तक का सफर पढ़ें संपादक की कलम से…

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प्रयागराज। उत्तरप्रदेश में आतंक का पर्याय रहे अतीक अहमद की हत्या के बाद माफिया जगत में खलबली मच गई है। अपराध करने वालों ने उत्तरप्रदेश छोड़ने का इरादा कर लिया है।बताते चलें माफिया डान के नाम से मशहूर अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को प्रयागराज निवासी तांगा चालक फिरोज अहमद के घर में हुआ था। बेहद गरीबी में फिरोज ने अतीक अहमद का पालन पोषण किया था।

बचपन से ही अतीक अहमद का अपराध से रिश्ता जुड़ गया था और उसने 17 वर्ष की उम्र में हत्या का मुकदमा अपने नाम दर्ज करवा लिया था। इसके बाद वह सपा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा। इसके बाद उसे सपा ने एमएलए का टिकट दिया और वह जीत गया, इसके बाद वह 25 साल तक विधायक रहा।

तभी 2004 में सपा ने उसे एमपी का टिकट दिया तो वह एमपी का चुनाव जीत गया। इसके बाद उसकी विधायक वाली सीट खाली हो गई। इस सीट पर बीएसपी प्रत्याशी राजू पाल भारी मतों से जीत गया और अतीक अहमद का भाई चुनाव राजू पाल से बुरी तरह हार गया था।

भाई की हार से अतीक अहमद गुस्से में आ गया और उसने राजू पाल की अपने गुर्कों से हत्या करवा दी। इस घटना का गवाह उमेश पाल था। कई बार अतीक अहमद ने उमेश पाल को धमकी दी कि वह गवाही न दे लेकिन उमेश पाल ने अतीक अहमद की धमकी की परवाह न करते हुए गवाही देने का निर्णय लिया।

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उमेश पाल ने सरकार से सुरक्षा की मांग की तो सरकार ने उमेश पाल को दो सुरक्षाकर्मी दे दिए। इसके बाद भी अतीक अहमद ने उमेश पाल को धमकाना जारी रखा और न मानने पर 24 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद के गुरकों ने उमेश पाल व उसके दो अंग रक्षकों को मौत के घाट उतार दिया। राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की निर्मम तरीके से हत्या हो गई।

इस हत्याकांड के खिलाफ उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद और उसकी पत्नी तथा बेटों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लिया। अतीक अहमद को पेशी के लिए प्रयागराज लाया गया था।

अदालत में उसकी पेशी हुई और उसे मेडिकल परीक्षण के लिए लेकर जा रहे थे कि अतीक अहमद के आतंक से परेशान कुछ लोगों ने सुरक्षा कर्मियों के सामने ही अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या कर दी। बताते चलें अतीक अहमद पर लगभग 80 मामले संगीन धाराओं में दर्ज हैं।

राजू पाल बीएसपी के टिकट पर अतीक अहमद वाली विधानसभा क्षेत्र से एमएलए बन गया लेकिन अतीक अहमद को यह पसंद नहीं था। अतीक अहमद ने 2005 में एमएलए राजू पाल की हत्या करवा दी थी। तब से मामला अदालत में चल रहा था और गवाह उमेश पाल टूट नहीं रहा था जिससे अतीक अहमद परेशान था। बताया जाता है अतीक अहमद की दबंगई से प्रशासन तक हलकान था।

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गत दिवस अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या से पूरी यूपी में हड़कंप मच गया है और सरकार ने राज्य में धारा 144 लागू कर दी है। इधर आम जनता जहां अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या से राहत की सांसे ले रही है तो वहीं अतीक अहमद के मित्र इसे योगी सरकार की दादागिरी कह रहे हैं जबकि हत्यारे पुलिस के कब्जे में आ गए हैं।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा है उसके पति की हत्या करने वाले को जनता ने सजा दी है इसके लिए वह भगवान का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। अतीक अहमद की हत्या के बाद यूपी सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था कड़ी कर दी है।

इधर यूपी सरकार ने कहा है सरकार कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले लोगों को कड़ी सजा दे रही है। अतीक अहमद की हत्या से यूपी के गुंडे पलायन करने का प्रयास करने लगे हैं। बताया जाता है कुछ नामचीन अपराधी बिहार भागने लगे हैं तो कुछ सुधरने का मन बना रहे हैं।

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