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कर्नाटक चुनाव परिणाम और भाजपा सांसद! पढ़ें लोकसभा चुनावों से पूर्व बदलाव की बहती लहर पर संपादक की टिप्पणी…

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कर्नाटक। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत ने धर्म निरपेक्ष ताकतों को ऊर्जा प्रदान की है। आज देश में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल जश्न मना रहे हैं और इस चुनाव परिणाम को आने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा है। कांग्रेस ने इसे भारत जोड़ो यात्रा की उपलब्धि बताया है।

कर्नाटक में जो परिणाम सामने आए हैं उससे विपक्ष को मानो संजीवनी मिल गई है। कांग्रेस नेताओं ने आज पूरे दिन जश्न में जहां बिताया है वहीं दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत ने आप पार्टी को भी राहत देने का काम किया है। भाजपा में चुनाव परिणाम को लेकर किसी प्रकार की बैचेनी नहीं दिख रही है।

भाजपा इसे विधानसभा चुनाव के रूप में देख रही है। भाजपा को विश्वास है जनता लोकसभा चुनावों में फिर भाजपा को सत्ता में लाएगी। इधर कांग्रेस कर्नाटक चुनाव परिणाम से उत्साहित नजर आ रही है और इसे लोकसभा चुनाव से पूर्व जनता का मूड बता रही है।

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कांग्रेस का कहना है अब लोकसभा चुनावों में भी जनता यही परिणाम सुनाएगी। इधर भाजपा इस हार से बिलकुल भी विचलित नहीं दिख रही है। कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर देश में तरह तरह की चर्चा तेज होने लगी है। विपक्षी दलों में एक नई ऊर्जा का संचार होता दिख रहा है।

लोकसभा चुनावों से पूर्व सांसदों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। जिन जगहों पर भाजपा सांसदों ने जनता से दूरी बना रखी है उन जगहों पर भाजपा सांसदों को धरातल पर काम तेज करना होगा और जनता की भावना को समझना होगा। कई सांसद इस गलत फहमी में हैं कि मोदी जी का आशीर्वाद उनको फिर से जीत दिलाएगा।

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लेकिन वर्तमान में देखा जा रहा है कि जनता धरातल पर काम देखना चाहती है। भाजपा सांसदों को अपनी अपनी सीट पर काम तेज करना होगा। कुछ जगह देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया में पोस्ट डालने तक काम सीमित है। कई जगह सांसद और विधायक में छत्तीस का आंकड़ा है जिससे विकास ठप है।

कर्नाटक चुनाव परिणाम विपक्षी दलों के लिए शुभ संकेत है तो वहीं भाजपा के लिए आत्म चिंतन का विषय है। लोकसभा चुनावों से पूर्व कर्नाटक चुनाव परिणाम कई सवाल छोड़ रहे हैं। कांग्रेस मुक्त भारत अभियान को कर्नाटक ने आइना दिखाया है। भाजपा को कर्नाटक चुनाव परिणाम से ये मैसेज मिला है कि जनता का मूड क्या है वह क्या चाहती है इस पर विचार विमर्श किया जाना चाहिए।

भाजपा के प्रभाव वाले राज्यों के सांसद धरातल पर काम तेज करें वर्ना जनता का मूड क्या है ये समझ पाना बेहद मुश्किल होगा।

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