बिन्दुखत्ता। लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र का सबसे सुंदर मिनी उत्तराखंड जिसे कह सकते हैं यह गांव आजादी से पूर्व का इतिहास समेटे है जब कानून बनाकर उजाड़ने वालों का जन्म भी नहीं हुआ होगा!
आज बिंदुखत्ता में सिर्फ राजस्व नाम और राजस्व की लगाम चाहिए अपने मौलिक अधिकार के तहत अपने गांव का प्रधान चाहिए! इस क्षेत्र को नगर पालिका बनाया जा चुका है जो अभी निलंबित है!
राजस्व गांव के लिए 1993/94 में अविभाजित उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा तीन महीने तक इस क्षेत्र की राजस्व विभाग की दर्जनों टुकड़ियों ने इसका सर्वे किया दुर्भाग्य कहें या सौभाग्य कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन शुरू हो गया और मामला विभाजन के बाद लटक गया!राज्य बनने के बाद हर सरकार में क्षेत्र का विकास हुआ है इसमें किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है! वर्तमान में सीएम पुष्कर धामी सरकार ने अतिक्रमण को लेकर जो बयान दिया है और जो वन विभाग का क्षेत्र दिखाया गया है! अतिक्रमण सूची में बिंदुखत्ता का नाम है इसे नकारा नहीं जा सकता जिसके लिए संघर्ष जारी है लेकिन जिस तरह प्रचार प्रसार किया जा रहा है उससे अफवाह को बल मिलता है ।
इसलिए बिना पूरी जानकारी के लोगों को गुमराह करना गैर कानूनी है! विधायक डा मोहन बिष्ट ने कहा है उनके विकास के प्रयास से विपक्षी बेचैन हो कर जनता को भड़का रहे हैं इसलिए प्रशासन 27 मई को जनता को अवगत कराएगा कि सरकार और विधायक बिंदुखत्ता के लिए कितने प्रयास कर रहे हैं।उन्होंने कहा सूची में नाम आना कोई नई बात तो है नहीं! इसलिए जनता को सरकार पर विश्वास करना है जिसने वनाधिकार कानून व्यवस्था के तहत अधिकार देने के लिए मजबूत पहल शुरु कर दी है।उन्होंने कहा वह अपने कार्यकाल में वह काम करके जाना चाहते हैं कि जमाना उनके काम को याद रखे!
उन्होंने कहा समितियों का गठन होगा और जनता के सपनों का बिंदुखत्ता बनेगा इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व में बिंदुखत्ता की जनता के सपनों को पर लगेंगे।
इधर कांग्रेस ने इस मुद्दे को हाथ से न जाने देने का मन बना लिया है, कांग्रेस नेता सक्रिय हो गए हैं और जहां तहां बैठक बुलाई जा रही हैं, कांग्रेस कहती है जब उसने नगर पालिका परिषद बनाई तब विरोध करने वाले आज कहा हैं जो राजस्व गांव बनाए जाने के नाम पर चुनाव जीते हैं। इधर आम आदमी पार्टी ने कहा है कांग्रेस और भाजपा दोनों ने जनता को गुमराह किया है।
पूर्व में विधायक का चुनाव लड़ चुके रज्जी बिष्ट कहते हैं कि अतिक्रमण की सूची में नाम को वायरल करके कुछ नेता रोजगार पाना चाहते हैं जिनके पास कोई मुद्दा नहीं है वह इस मुद्दे को मोहरा बनाकर जनता को डराने व गुमराह करने का काम कर रहे हैं जबकि सरकार को चाहिए कि वह जल्द राजस्व गांव बनाए जाने की तैयारी करे जिससे घटिया फिल्म को बनने से पहले ही किनारे किया जा सके!
एमएलए डा मोहन बिष्ट ने कहा है सरकार जनता के सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत है इसलिए किसी भी बहकावे में आकर किसी को चंदा देने या फर्जी बाते सुनने की जरूरत नहीं है!उन्होंने कहा जनता की हर समस्या का सरकार समाधान करेगी लेकिन नया अतिक्रमण या अतिक्रमण के नाम पर धर्म का प्रचार, सरकार हर पहलू को देखना चाहती है कि प्रदेश में कितना अतिक्रमण है और उसके क्या कारण रहे हैं, इसलिए जनता को किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इधर दशकों से संघर्ष कर रहे राजस्व गांव संघर्ष समिति संयोजक जीवन जोशी ने कहा है सरकार को समय रहते बिंदुखत्ता की जनता को मालिकाना हक़ दिया जाना चाहिए सब उत्तराखंड के निवासी हैं, पूर्व सैनिक, शिल्पकार सभी भूमिहीन परिवार आजादी से अब तब अपने मौलिक अधिकारों को पाने के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं जिसके तहत बहुत कुछ जनता ने हासिल किया है।लेकिन मालिकाना हक, पंचायती राज अधिकार के बिना एक लाख उत्तराखंडी अपने मूलभूत अधिकार से वंचित हैं।
समिति ने कहा है कुछ लोग चुनाव देख इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं इसलिए सरकार को विपक्षी दलों की धार को कुंद करने के लिए सकारात्मक पहल करनी होगी।विपक्षी दल इसे लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों की संख्या में नित नई टीम जोड़ रहे हैं।
छोटी छोटी समस्या से क्षेत्र की जनता तब खुश नहीं दिखी जब पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने ऐतिहासिक कार्य किया लेकिन चुनाव में नगरपालिका मुद्दा भाजपा के लिए फलदाई रहा।
समिति ने उम्मीद व्यक्त की है कि उत्तराखंड सरकार और विधायक डा मोहन बिष्ट बिंदुखत्ता को मालिकाना हक दिलाने में सफल रहेंगे जिसकी जनता को उम्मीद भी है।
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