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बिंदुखत्ता से लालकुआं को जोड़कर चलना गलत! वनाधिकार कानून का लाभ पर्वतीय मूल के लिए…

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बिन्दुखत्ता। विधायक डा. मोहन बिष्ट वनाधिकार कानून के तहत बिंदुखत्ता की समस्या का समाधान करने को प्रयासरत हैं। यह बात भाजपा ओबीसी मोर्चा के मंडल अध्यक्ष नरेंद्र नाथ गोस्वामी ने कही है। उन्होंने जारी बयान में कहा है कि बिंदुखत्ता लालकुआं संघर्ष समिति की मांगों को मानने से बिंदुखत्ता राजस्व की पत्रावली हो सकती है निरस्त।

उन्होने कहा आजकल कुछ लोगों द्वारा लालकुआं की बंगाली कालोनी, हाथीखाना आदि के लोगों को साथ लेकर जगह जगह बैठक कर आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है जबकि वन अधिकार कानून द्वारा बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाए जाने हेतु पत्रावली तैयार करने में लगे लोगों द्वारा इकट्ठे किए गए अभिलेखों के अनुसार बिंदुखत्ता में पर्वतीय मूल के लोग सैंकड़ों वर्षों से पहाड़ों में शीतकाल में चारे की कमी के कारण खत्ता क्षेत्रों में पशुओं सहित आकार अपना जीवनयापन करते थे।

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अधिकारियों के अनुसार उक्त अभिलेखों के आधार पर ही बिंदुखत्ता के लोगों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत राजस्व ग्राम घोषित किया जा सकता है। परन्तु कुछ लोगों द्वारा साजिशन बिंदुखत्ता लालकुआं राजस्व संघर्ष समिति बनाकर बिंदुखत्ता की कार्यवाही में लालकुआं के बंगाली कालोनी, हाथीखाना आदि क्षेत्र को भी शामिल करने की मांग करते हुए 7 जून को आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

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जानकर मानते हैं कि इकट्ठे किए गए अभिलेखों के आधार पर बिंदुखत्ता के साथ लालकुआं के क्षेत्र भी शामिल करने से बिंदुखत्ता की फाइल निरस्त हो सकती है। जिसको यहां के लोगों को गंभीरता से लेना चाहिए।

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