बिंदुखत्ता। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर विपक्षी दल राजनीति चमकाने लगे हैं यह बात वनाधिकार समिति ने कही है। समिति के अनुसार कांग्रेस और वामपंथ के लोग जनता को भड़का रहे हैं जिसे विकास विरोधी कहा जायेगा। समिति ने कहा है कभी वन गांव का विरोध किया गया, इसके बाद राजस्व विभाग की सर्वे करने वाले कर्मचारी पीटकर भगाए गए, नगर पालिका वापस करवाने वाले आज फिर जनता को भड़का रहे हैं जिसका लोगों को संज्ञान लेना होगा। समिति ने कहा है कि विरोधियों द्वारा
वन विभाग की सूची में नाम को मुद्दा बनाया जा रहा है जबकि कांग्रेस शासन में भी वन विभाग की सूची में नाम दर्ज था! तब किसी ने इस विषय को छुआ तक नहीं!
वन अधिकार अधिनियम लागू करने पर आज तक किसी दल ने पहल नहीं की! आज स्थानीय विधायक डा मोहन बिष्ट ने इस विषय को गंभीरता से लिया तो कांग्रेस और वामपंथ सात जून को रैली निकालने का फरमान जारी कर चुका है।
इधर ग्राम समिति ने प्रचार प्रसार करते हुए कहा है कि विधायक के प्रयासों से कुछ लोग बेचैन हो गए हैं और जनता को भड़का रहे हैं।
बिंदुखत्ता राजस्व गांव संघर्ष समिति ने जारी बयान में कहा है कि जनता विकास विरोधी, समझौता एक्सप्रेस किस्म के लोगों के बहकावे में न आए।
इधर बिंदुखत्ता संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा है सात जून को लालकुआं की सड़कें जनता से पट जाएंगी। उन्होंने भी जनता से लालकुआं कुछ की अपील की है।
राजस्व गांव संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक जीवन जोशी ने कहा है राजस्व गांव बनाए जाने की पहल का समिति स्वागत करती है। उन्होंने विधायक के प्रयासों का समर्थन करते जनता से अपील भी की है कि वह अपना भला बुरा स्वयं सोचे।
उन्होंने कहा कानूनी पहल पहली बार हो रही है इसमें समाज सेवा भाव से काम चल रहा है इसलिए सरकार और विधायक की पहल का स्वागत किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा विकास विरोधी ताकतों को पहचाने बिना विकास की कल्पना करना व्यर्थ है।
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