बिंदुखत्ता। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मरने मिटने वालों का यही निशा होगा! आज से 24 साल पहले देश के सैकड़ों जवानों ने अपने बलिदान देकर पाकिस्तान के नाकाम इरादे को विफल कर दिया था ।
यह दिन है जब से भारत के वीरों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की फौज को करारी हार देकर दुर्लभ पहाड़ियों पर तिरंगा फहराया था कारगिल विजय दिवस का दिन ना सिर्फ देश की जीत की गौरवशाली गाथा को याद करने का दिन है बल्कि इस गाथा को लिखने वाले वीर सपूतों की वीरता और शौर्य शहादत को नमन करने का दिन है।
देशभर में कारगिल विजय दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
यहां बिंदुखता पूर्व सैनिकों लीग ने शहीद स्मारक में कारगिल युद्ध में शहीदों को माला अर्पण कर फूल चक्र से भाव पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया। शहीद नायक सूबेदार गोविंद पपोला की वीरांगना प्रेमा पपोला ने भी श्रद्धांजलि दी।
पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष खिलाफ सिंह दानू शहीदों के लिए 2 मिनट मौन रखवाया। कारगिल युद्ध में मौजूद रहे। चंद्रशेखर उपरेती सेना मेडल कारगिल का युद्ध को लड़ने वाले वीर सपूत ने कहा मेरा सौभाग्य रहा मैं फर्स्ट नागा बटालियन का था।
जिस कारण इस युद्ध को लाने का सौभाग्य मिला। अपने साथियों को खोया। नागा रेजीमेंट के 19 जवानों ने शहादत दी। उनकी बदौलत आज हमें कारगिल शहीद दिवस मनाने का अवसर मिल रहा है।
संगठन ने रिटायर आए पूर्व सैनिकों को संगठन की सदस्यता दिलाई। मिष्ठान वितरण के साथ जीत की याद करते हुए खुशी मनाई।
ऑनरी कैप्टन चंचल सिंह कोरंगा , हेनरी कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट , कैप्टन इंदर सिंह पनेरी , ऑनरी कैप्टन शंकर सिंह चौहान, सूबेदार दलबीर सिंह, सूबेदार रंजीत सिंह, सूबेदार चंद्रशेखर उपाध्याय, कैप्टन हुकम सिंह , कैप्टन नर सिंह , कैप्टन धर्म सिंह, कैप्टन खुशाल सिंह कोश्यारी, आनंद सिंह धामी, सूबेदार चंद्रशेखर उपाध्याय सहित अनेकों पूर्व सैनिक व उनकी वीरांगनाएं, आम जनता के लोग मौजूद थे।
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