देहरादून
आज छटे दिन विशाल गौ महोत्सव में गौ भागवत गौ-कथा धेनुमानस का श्रवण करने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे, हरीश रावत ने कहाँ की उनकी सरकार कई गौ शालाओं का निर्माण कर हुआ हैं, वही उन्होंने कहाँ की गौ की रक्षा को सभी भारत के नागरिकों सहित विश्व के लोगों को लगातार प्रयास करना चाहिए, उन्होंने कहाँ की 20 नवंबर 2023 को हरीश रावत गौ-माता राष्ट्रमाता के इस अभियान में सबसे आगे देवडोली को अपने कंधे पर रखकर कुछ करेंगे, वही उन्होने कहाँ की यह एक दिव्य अभियान हैं जिसमें सभी को सनातनी बनकर आगे आना चाहिए, ना की राजनीती करनी चाहिए! उन्होंने कहाँ की जिसके हृदय में भक्ति, भक्ति, व चिंता होती हैं वे ऐसा प्रकार के कथा का आयोजन करते हैं ऐसे संत केवल गोपाल मणी महाराज ही हो सकते हैं, उत्तराखंड का ऐसा संत आपके बीच में हैं संत गोपाल मणी जी महाराज के रूप में इनकी जितनी प्रशंसा की जाय उतनी कम हैं, अभी तक मणी जी द्वारा 600 कथाओं का वाचन किया हैं जिससे समाज में धर्मस्व के प्रति जागृति आयी हैं, ऐसे संत अगर हमारे देवभूमि से हैं तो यहाँ सनातन धर्म सुरक्षित हैं! संत गोपाल मणी ने ज़ब गौ माता की अलख जगा रखी हैं तो गौ-माता राष्ट्रमाता स्वतः ही बन जायेगी विशाल गौ प्रतिष्ठा महोत्सव का आज छटे दिन भी गौ भक्तों की संख्या लगातार गौ भागवत का श्रवण करने के लिए बढ़ती ही रही हैं.. गौ प्रतिष्ठा अभियान देहरादून में उत्तराखंड से 51 देवडोलियों ने भाग लिया, प्रत्येक डोली में कम कम से 11 सेवक होते हैं, सदियों से चली आ रही प्रथा देवभूमि में लुप्त होने के कगार पर हैं जिसके गर्व में उत्तराखंड का पलायन हैंगॉव के गॉव खाली हो गये हैं, अगर देखा जाय तो केवल देव डोलिया व उनके सेवक ही इन स्थानों में निवास करने को मजबूर हैं ताकी उनके ईष्टदेव नाराज हो, इसी परिपेक्ष में कल मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन प्रेषित किया गया जिसमें लोक देविदेवताओं के सेवकों हेतू प्रतिमाह बीस हज़ार रूपये की प्रतिसेवक के लिए मानदेय की मांग की गयी हैं जिससे की उत्तराखंड की देव संस्कृति जीवित रहें और सरकार की उदासीनता के कारण विलुप्त ना हो पाये.. पूर्ववरतीय सरकारों से भी रमेश रमोला इस मांग को 2015 से करते आये हैं, अगर गौ-सेवक रमेश रमोला की मांग को समय रहते सरकारें मान जाती तो आज हमारी लोक-देविदेवताओं की संस्कृति को झटका नहीं लगता.. आज छटे दिन गौ कथा का श्रवण करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ो लोग उपस्थित हो रहें हैं! वही हज़ारों की संख्या में गौ भागवत को सुनने के लिए लोग बसों ऑटो व अपनी निज़ी गाड़ियों में दूर-दूर से दोपहर दो बजे लगातार आते रहें, पंडाल में ऐसी भीड़ की यहां पाँव रखने की जगह भी मिलना मुश्किल हो रहा था.. एक देश एक संकल्प – गौमाता राष्ट्रमाता के अभियान को साकार बनाने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इक्वावन से भी ज्यादा प्रसिद्ध लोक देवडोलियां भी अपने स्थान पर विराजमान हैं, जिन लोगों को भी पता चल रहा हैं की उनके ईष्ट देव की डोली यहाँ गुरुनानक महिला इंटर कॉलेज रेसकोर्स के मैदान में आ रखी हैं, तो लोगों का अपने ईष्ट देव का आशीष लेने की होड़ लगी देखी जा सकती हैं.. भागवत शुरू होने से पहले उत्तराखंड के संस्कृति के संवाहक 21 जोड़ी ढ़ोल-दमऊ के साथ स्वर-ताल नाद का आनंद भी लोगों के बिच देव रसपान करने लें लिए भी गहरी उत्सुकता बनी रहती हैं! उत्तराखण्ड की सभी देवशक्तियाँ देवडोलियाँ ढोल दमाऊं के साथ एक स्वर में नारे लगाते हैं गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करों! सनातन संस्कृति की मूल आधार गौमाता की प्रतिष्ठा हेतु गौमाता- राष्ट्रमाता विचार के जनक ध्वजवाहक गौऋषि गौ-गंगा कृपाकांक्षी परम शरदीय संत गोपाल ‘मणि’ महाराज जी पिछले डेढ़ दशक से पूरे देश और दुनिया में निरन्तर बड़े-2 आंदोलन/अभियान चला रहे हैं!गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान मिले इस महाजन अभियान को जनमानस के मानस पटल पर स्थापित करवा दिया है, इसी क्रम में 19 से 25 अगस्त 2023 तक देहरादून के ऐतिहासिक गुरुनानक महिला इंटर कॉलेज के मैदान निकट बन्नू स्कूल रेसकोर्स में विशाल गौ प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारम्भ हो गया है जिसमें आज छटे दिन भी गौमाता – राष्ट्रमाता की गौ कथा को सीता शरण जी व संत श्री गोपाल मणी महाराज जी के मुखार बिन्दु से जारी रही, वही एक देश एक संकल्प – गौमाता राष्ट्रमाता अवनवरत अभियान को सुनने के लिए लोगों का शांत चित श्रवण जारी रहा! छटे दिवस में कई पूर्व मंत्रियों सहित अन्य कई गणमान्य जनों ने कथा श्रवण में सिरकत की! छटे दिन भी महाराज जी ने कहा है कि देव शक्तियों ने अपनी अपनी कृपा दिखा दी है इसीलिए दोनों देवभूमियों से उत्तराखंड और हिमाचल से गौमाता राष्ट्रमाता का प्रस्ताव सरकारों के द्वारा सर्वसम्मति से सदन में पारित करके केंद्र सरकार को 2019 में भेजा जा चुका है अब समय आ गया है कि करोड़ों हिंदुओं की आवाज को केंद्र में बैठी सनातनी सरकार सुने और अविलंब गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दें नहीं तो आगामी 17-18 नवम्बर को दिल्ली में गौ-कथा का महामहोत्सव होगा और 20 नवंबर 2023 को गोपाष्टमी के दिन करोड़ों लोग दिल्ली में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए कूच करेंगे। आगे संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री जी इस कार्य को नहीं करना चाहते हैं वह भी गौमाता का संवर्द्धन और सम्मान करना चाहते हैं लेकिन इसमें विलंब इसलिए हो रहा है क्योंकि गौ को माँ मानने वाले लोग आपस में बिखरे हुए हैं एक नहीं है, जिस दिन सबलोग एक स्वर में कहेंगे कि गौमाता-राष्ट्रमाता होनी चाहिए उसी क्षण गौमाता राष्ट्रमाता बन जाएगी। और जब तक गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान नहीं मिल जाता तब तक एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना व्यर्थ है एकता के सूत्र में बांधने वाली मात्र एक शक्ति है उसका नाम है गाय! आगे मणि महाराज जी ने षष्टम दिवस में विशाल गौ महोत्सव को भव्य बनाने के लिए समस्त जनता जनार्दन का आह्वान किया है! आज छटवे दिन भी सप्त दिवसीय यज्ञ में गौ प्रतिष्ठा एवं सामाजिक संवर्द्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
प्रतिदिन प्रातः 5 से 6 योग सत्र चलेगा
प्रातः 7 से 9 नित्य 11 कुंडीय कामधेनु महायज्ञ, देव डोलियों का पूजन ।
9 से 1 बजे तक 41 ब्यासों के द्वारा अष्टादश पुराण वाचन प्रवचन ब्याख्यान ।
रोज की भांति दोपहर 2 से 6 बजे तक संत गोपाल मणि महाराज जी एवं आचार्य सीता शरण जी के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत महापुराण पर (धेनु मानस गौ टीका) के आधार पर गौ की महिमा धार्मिक सांस्कृतिक आध्यात्मिक सामाजिक वैज्ञानिक पक्ष को श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होगा!
पांचवे दिन सायं को 8 से 10 बजे तक देवडोलियों की जागरण होगा और लोग अपनी-अपनी ईष्टडोलियों से अपने नौनीहालों अपने कुटम्ब के कुशलक्षेम के बारे में पूछ सकते हैं! इस गौ प्रतिष्ठा महोत्सव में देहरादून, उत्तराखंड सहित देश की धार्मिक सामाजिक बुद्धजीवी संस्थाएं महिला मंगल दल कीर्तन मंडली सभी सहयोगी संस्थाएं अपना सहयोग प्रदान कर रही हैं! साथ कार्यक्रम के बीच में आयुर्वेदिक एवं एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया! कार्यक्रम स्थल पर ही भारतीय नश्ल की गौमाताओं के दर्शन भी सुलभ होंगे। साथ ही अगर आपको पहाड़ी उत्पाद में बने खाद्य पदार्थ चाहिए हो तो यहाँ पहली बार भारतीय गौ-क्रांति मंच ने देवभूमि माँ गंगे स्वयंसेवी संस्था व हिमवंत फाउंडेशन सोसाइटी, देवभूमि स्वयं सहायता समूह सहित आदि अनेक स्टॉलो पर आपको सभी वस्तुएँ मिल सकती है! पंचम दिवस में आज मुख्य कार्यक्रम के अध्यक्ष बलवीर सिंह पंवार संरक्षक मनोहर लाल जुयाल सूर्यकांत धस्माना हरीश चंद्र नौटियाल संयोजक अजयपाल सिंह रावत कार्यकारी अध्यक्ष शूरवीर सिंह मतूड़ा, महासचिव यशवंत सिंह रावत व्यवस्थापक सूरत राम डंगवाल, घनश्याम सिंह नेगी, आचार्य राकेश सेमवाल यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल आचार्य संतोष खंडूड़ी जिलाध्यक्ष आनन्द सिंह रावत, भू-क़ानून अभियान के संस्थापक शंकर सागर रावत, गीता बागड़ी, रूपम देवी मातुड़ा, भुवनेश्वरी नेगी, तेजराम नौटियाल, रविन्द्र सिंह राणा, तुलसीराम बडोनी, शशि भंडारी, मधु रतूड़ी, कांति बड़थ्वाल, रामप्यारी इष्टवाल, अशोक मिश्र, डॉ रामभूषण बिजल्वाण, आचार्य विपिन जोशी, सुशील गौड़, बीडी सेमवाल, दिलवर सिंह रावत पूर्व राज्यमंत्री, महेंद्र सिंह नेगी महामंत्री कॉंग्रेस, शीशपाल बिष्ट प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस, डा. अजय बिष्ट, अरुण शर्मा अ. भा. ब्राह्मण सभा अध्यक्ष, यमनोत्री विधायक संजय डोभाल, लखीराम जोशी पूर्व मंत्री उत्तराखंड, एस. ए नमियाल, जयइन्द्र कुलसारी सहित सैकड़ों गणमान्यजन व समस्त मातृशक्ति उपस्थित रहे
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