संपादकीय
क्यों नहीं रुक रहा नशे का कारोबार!
उत्तराखंड में नशे का प्रभाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन जहरीला नशा पुलिस पकड़ रही है इसके बावजूद नशे का कारोबार खूब फल फूल रहा है।उत्तराखंड में नशे के कारोबारी अपनी मानो समानांतर सरकार चला रहे हैं जो बेहद चिंता का विषय है।
अवैध शराब, स्मैक, चरस, इंजेक्शन और भी कई तरह का नशा उत्तराखंड के युवाओं को खोखला करता जा रहा है।पुलिस जिसे पकड़ती है वह तस्कर छूटने के बाद और अधिक तेजी से अपना काम करता है ये सोचनीय विषय है।
पूरी रात जिस तस्कर को पकड़ने के लिए पुलिस जागरण करती है वह अपराधी कुछ ही घंटों में अदालत से छूट कर आ जाता है जिससे पुलिस भी परेशान है।जनता में भी इस बात को लेकर चर्चा होती है कि फलां अपराधी जेल तक नहीं गया और उसे धन बल के बल पर जमानत मिल गई!
राज्य के कानून में इस तरह का बदलाव जनता चाहती है कि नशे का कारोबार करने वाले को वकील जमानत न दिलवाएं लेकिन पैसे के खातिर तथा कथित वकील अपराधी को जेल तक नहीं जाने देते और कुछ ही देर में अपराधी छूट कर आ जाता है।
जनता वकील समुदाय से उम्मीद करती है कि वह नशे के कारोबारी के लिए वकालत नामा न लगाएं तो उत्तराखंड में नशे के विरुद्ध अभियान सफल हो सकता है।लोग न्यायालय से भी उम्मीद करते हैं कि नशे के कारोबारी को कम से कम एक साल तक जमानत न मिले।
नशे के विरुद्ध सरकार ने आभियान चलाया है लेकिन कानून में संशोधन न होने से इस अभियान को उतनी सफलता नहीं मिल रही जितनी मिलनी चाहिए थी।
उत्तराखंड के हाईकोर्ट को नशे के विरुद्ध कड़ा कानून या कड़ा रुख अख्तियार करना होगा जिससे उत्तराखंड की भावी पीढ़ी को नशे से बचाया जा सके।लोग बढ़ती बेरोजगारी को भी इसका एक बड़ा कारण मानते हैं।
लोगों का मत है कि रोजगार न मिलने से नशे का क्रेज बढ़ रहा है और नशे के बढ़ते प्रचलन से अश्लीलता भी होटलों में निरंतर बढ़ती जा रही है।देव भूमि में पाश्चात्य संस्कृति हावी होने के पीछे प्रमुख कारण बढ़ता ड्रग्स रैकेट है।
नशे में डूबता जा रहा युवा उत्तराखंड किस राह पर जा रहा है ये सबको सामूहिक रूप से सोचना होगा।दूध की दुकान में भीड़ नहीं होगी, जूस वाला हाथ पर हाथ धरे बैठा होगा लेकिन नशे के तस्कर को लोग मीलों पैदल चलकर भी खोज लेते हैं।
उत्तराखंड में बढ़ता नशा इस राज्य के लिए बढ़ी चिंता का विषय बना हुआ है।हर रोज तस्कर पकड़े जा रहे हैं उसके बावजूद यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। क्या कारण हैं ये नशा रोके नहीं रुक रहा है इसके लिए सरकार को कड़े कानून लाने ही होंगे।
(संपादक)
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