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35 लाख के एक और राष्ट्रीय स्कैम का एसटीएफ और साइबर पुलिस की संयुक्त टीम ने किया भांडाफोड़

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दुबई, सऊदी अरब और पाकिस्तान में रह रहे लोगो की तनख्वाह/वेतन (रियाल) को भारतीय मुद्रा में कन्वर्ट करवाने हेतु भारतीय खातों को उपलब्ध कराकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को पकड़ा है।
वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा कॉल कर स्वंय को उनके रिश्तेदार , दोस्त अथवा परिचित बताकर पैसे भेजने नाम पर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।

इसी क्रम में एक प्रकरण में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सूचना प्राप्त हुई। जिसमें बताया गया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा शिकायतकर्ता पटेलनगर देहरादून निवासी को फोन कॉल द्वारा धोखा धड़ी करके 9,40,000/- रु० ठगे गये हैं। शिकायतकर्ता की पत्नी को बीती 09 जून को एक नंबर से फोन कॉल आया कि मैं आपके बेटे हरप्रीत का दोस्त सरब बोल रहा हू जो कि कनाडा रहता है। जिससे कि परिवार के लोग परिचित हैं उससे बात की तो सरब के द्वारा कहा गया कि वह एक जमीन लेना चाहता है ओर उसका बजट 80,00,000/- रु० तक हैं और उसने 15,00,000/- रु० की ट्रांसफर रसीद भेजी परंतु खाते में रकम नहीं आयी।

फिर कुछ समय बाद अभियुक्त का फोन आता है कि आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, में 2,50,000/- रु० ट्रैवल एजेन्ट गुरू चरण सिंह निवासी कीर्तीनगर, (दिल्ली) को दे दो उसकी मां बहुत बीमार है। शिकायतकर्ता द्वारा विश्वास करते हुये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पटेलनगर देहरादून की एटीएम मशीन में ट्रैवल एजेन्ट द्वारा दिये गये खाते मे नगद जमा करा दिये। इसी प्रकार से भिन्न-भिन्न ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 9,40,000/- रु0 की धोखाधडी कर लेने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर पटेल नगर पुलिस स्टेशन, देहरादून पर मु0अ0स0 307/23 धारा 420,120 बी भादवि बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर क्राईम थाने के अ0उ0नि0 सुनिल भट्ट के सुपुर्द की गयी।

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अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से कनाडा में रह रहे बेटे का दोस्त बताकर भारत में जमीन खरीदने का झांसा देकर लाखो रूपये ट्रांसफर के फर्जी मैसेज भेजकर व यकीन दिलाकर विभिन्न खातो में रूपये मंगाकर लाखो की धोखाधडी की गयी ।तकनीकी विश्लेषण के बाद प्रकाश में आया कि संदिग्ध अभियुक्त का राजस्थान से सम्बन्ध होना पाया गया जिसमें टीम को सम्बन्धित स्थानों को रवाना किया गया।

पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तो द्वारा वादी मुकदमा को जो खाता संख्या व मोबाईल नम्बर दिये थे व धोखाधडी से प्राप्त की गयी धनराशि फर्जी आईडी पर खोले गये बैक खातो में प्राप्त की गयी थी जिसमें तकनीकी विश्लेषण कर साक्ष्य एकत्रित करते हुये पूर्व में अभियोग में 01 अभियुक्त धर्मेन्द्र कुमार पुत्र सियोजीराम निवासी वार्ड न0 04, लोसेल, तहसील दतारामगढ़, जिला सीकर, राजस्थान को गिरफ्तार किया गया था । तत्पश्चात अभियोग में तकनीकी विश्लेषण एवं अन्य साक्ष्य एकत्रित करते हुए अन्य सह अभियुक्त किशोर कुमार पुत्र साबरमल निवासी असुला मोहल्ला, लेन नं0 09, लोस थाना लोसल जिला सीकर राजस्थान को कैथल राजस्थान से गिरफ्तार किया गया । अभियुक्त के पास से घटना में प्रयुक्त 02 मोबाईल फोन रियलमी व ओप्पो बरामद किये गये । अभियुक्त किशोर कुमार उपरोक्त के विरुद्ध थाना साईबर क्राईम कैथल में 27 लाख की धोखाधड़ी के सम्बन्ध में अभियोग पंजीकृत है ।

  अभियुक्तगण किशोर कुमार पुत्र साबरमल निवासी असुला मोहल्ला, लेन नं0 09, लोस थाना लोसल जिला सीकर राजस्थान (उम्र – 27 वर्ष) से पुलिस द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वादी को विदेशी नंबर से फोन आना तथा स्वंय को उनका रिश्तेदार अथवा दोस्त बताते हुए जमीन खरीदने के नाम पर 9,40,000 की धोखाधड़ी करना विवेचना के दौरान प्रकाश में आया है कि कुछ अभियुक्त द्वारा दुबई/सऊदी अरब में रहते हुए वहां पर कार्य करने वाले भारतीय लोगों की तनख्वाह/ फंड के रूप में प्राप्त होने वाले विदेशी मुद्रा (रियाल) को भारतीय मुद्रा में बदलने के नाम पर उनसे रियाल प्राप्त करना व विदेशो में जॉब कर रहे लोगो के रिश्तेदारो को उनका दोस्त बताकर लाखों रूपये की धोखाधड़ी से भिन्न-भिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है । अभियुक्तगणो द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम, आईडी कार्ड तथा फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । 

आरोपी ने कबूल किया कि वह अपने दुबई सहयोगियों के साथ मिलकर पाकिस्तान के एजेंटों के साथ मिलकर भारतीय व्यक्तियों को ठगने का काम करता है तथा उन्हे भारतीय खाते उपलब्ध कराता था। अधिक तकनीकी विश्लेषण से यह साबित हुआ है कि पाकिस्तान और दुबई से जुड़े शुरुआती लिंक हैं जो गिरफ्तार आरोपियों के साथ काम कर रहे हैं।

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UttarakhandPolice

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