:: जीवन जोशी::
भारत की राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन करने की जोरदार कोशिश में पीएम नरेंद्र मोदी ने अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों को पीछे छोड़ दिया है!
आने वाली 22 जनवरी को श्री राम मंदिर का अनुष्ठान होने जा रहा है इससे उन ताकतों के गुब्बारे की मोदी ने हवा निकाल दी जो कहते थे भाजपा ने भगवान राम के नाम पर सत्ता हथिया ली है!
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के मानो पुनरुद्दार का संकल्प लिया है! शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव जहां हुआ है वहीं भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए ऑन लाइन प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है!
पीएम नरेंद्र मोदी ने दो पारी खेली हैं जिनको भारत के इतिहास में जानदार और शानदार पारी कह सकते हैं! ऐसी सरकार कि जिसमें विपक्ष मूकदर्शक की भूमिका में नजर आया!
पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 22 जनवरी को राम मंदिर निर्माण पूरा हो रहा है और अनुष्ठान होने जा रहा है! पूरी दुनिया में रहने वाले हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक श्री राम मंदिर भारत की राजनीति में कई समय तक चर्चा में रहा है!
इस मंदिर के लिए अनेकों साधु संत और समर्थक बलिदान हो गए और न जाने कितने बे मौत मारे गए! अपने आप में इतिहास समेटा है इस राम मंदिर निर्माण के आंदोलन ने!
भाजपा ने कहा था वह एक दिन जरूर राम मंदिर बनाएगी और आज परिणाम सामने है! भाजपा ने दो पारी खेली हैं जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने वह जानदार पारी का आभास देश की जनता को करवाया है कि अब तक कोई ऐसा अहसास नहीं करवा सका!
कोरोना काल में जिस तरह मोदी के इशारे पर देश की जनता चली ऐसा पहले कभी आजादी के आंदोलन में हुआ होगा लेकिन आजादी के बाद देश में ऐसा अनुशासन पहली बार देखा गया!
नोट बंदी रही हो या फिर ऑन लाइन प्रणाली कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि जनता समस्या में फंस गई, बैंकों में लाइन लग गई लेकिन जनता मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरी!
कई लोग सड़कों पर आ गए लेकिन जनता में मोदी सरकार के खिलाफ कोई रोष प्रदर्शन नहीं हुआ, कुछ मामलों को जैसे किसान आंदोलन इसी तरह कुछ जगह विरोध के स्वर उभरे तो सही लेकिन सरकार किसी तरह कटघरे में नहीं आई!
तमाम कानून बदले गए और जिनकी जरूरत नहीं वह रद्द किए गए, गरीबों को राशन, गैस सिलेंडर जैसी स्कीम, आवास योजना बनाई गई है उससे कई हद तक बदलाव हुआ है!
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार 22 जनवरी को राम मंदिर भारत की विरासत बतौर जनता को सौंप रही है! पूरे देश में दीपावली जैसा उत्साह नजर आने लगा है!
इसके बाद जल्द ही चुनाव आयोग आचार संहिता लागू कर सकता है इसलिए सरकार जल्द से जल्द अपने कार्यकाल में हुए कार्यों को जानता के हवाले करने जा रही है! विपक्ष इसे राजनीतिक नजर से देखते हुए अपने नजरिए का इजहार भी करने लगा है!
देखना है श्री राम मंदिर अनुष्ठान में कितने दल भाग लेकर अपनी आस्था जताते हैं! यह अनुष्ठान भारत के नेताओं की भगवान के प्रति आस्था को भी उजागर करेगा।
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