नैनीताल। मौसम की अनुकुलता को देखते हुए वर्तमान में गेहूं की फसल में रतुआ (गेरुई) रोग लगने की संभावना है। मुख्य कृषि अधिकारी वी के यादव ने काश्तकारों को फसलों में रोग के लक्षण औऱ रोकथाम की जानकारी देते हुए बताया कि पौधों की पत्तियों में गाढ़े भूरे रंग के निशान, पीले रंग के कतारों में व्यवस्थित होने पर फसलों में रतुआ (गेरुई) रोग के लक्षण होते हैं।
ऐसे लक्षण दिखने पर प्रोपिकोनाजोल (सिस्टमैटिक फंगीसाइड जो कि पौधे के पत्तों सिस्टमैटिक तरीके से पौधे को बीमारियों से बचाता है) 25 प्रतिशत ईसी 200 मिली एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें और संबंधित जानकारी के लिए निकटतम न्याय पंचायत, विकासखंड स्तरीय कृषि विभाग में सम्पर्क करें।
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