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बेटी पैदा करने वाली महिला को कितनी यातना देता है ये समाज! पढ़ें प्रधान सम्पादक*जीवन जोशी* की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट…

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महिला को आज भी भारत में कितने जुल्म सहने पड़ते हैं और कितनी यातना देकर उसे प्रताड़ित किया जाता है इसका एक उदाहरण प्रस्तुत है!

हर किसी को पत्नी की जरूरत है लेकिन जब बालिका का जन्म होता है तो उसे पैदा करने वाली महिला को कितनी यातना सहनी पड़ती है ये उसे ही मालूम है जिस महिला को बेटी पैदा होने की सजा दी जाती है!

एक ताजा जानकारी के अनुसार एक परिवार ने अपनी पुत्रवधू को सिर्फ इसलिए मायके भेज दिया क्योंकि उसने कन्या को जन्म दिया था!

बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है लेकिन वहीं समाज में आज भी महिला को बेटी पैदा होने पर सजा दी जाती है! वापस ससुराल ले जाने के लिए 20 लाख की डिमांड भी रखी जाती है!

जानकारी के अनुसार हालांकि लड़की के पिता ने किसी न किसी प्रकार 2 लाख की व्यवस्था करके बेटी के ससुराल वालों को दिए किंतु उनका पेट नहीं भरा और उन्होंने बाकी 18 लाख रुपए के लिए पुत्रवधू और उसके मायके वालों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

इस मामले में प्रताड़ित विवाहिता मंजू ने अपनी ससुराल के खिलाफ आरोप लगाते हुए बताया कि लगभग 12 साल पहले उसका विवाह रेवदर निवासी कमलेश पुत्र धनाराम के साथ धूमधाम से हुआ था।

शादी के लंबे समय बाद अब से करीब साढ़े 3 वर्ष पहले जब वह गर्भवती हुई तब वह अपने मायके में डिलीवरी के लिए आई थी जहां उसकी एक बेटी का जन्म हुआ और बेटी के जन्म के बाद उसके ससुर धना राम, सास गंगा देवी, देवर रमेश ,जैसाराम, ननद पंखू देवी उसके पति के साथ उसके मायके आए और लड़की पैदा करने का ताना मारने लगे और कहने लगे कि तुम्हारी बेटी द्वारा लड़की पैदा करने से हमारे परिवार पर खर्च और बढ़ गया।

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ससुराली कहते हैं इसलिए अब तुम 20 लाख रुपए हमको दो जिससे बेटी की शादी में आने वाले खर्च का पूरा हो सके। नहीं तो हम अपने बेटे की दूसरी शादी कर देंगे।

इस पर मजबूर होकर उसके पिता ने कर्ज लेकर किसी तरह 2 लाख मंजू के ससुराल वालों को दिए जिस पर वह मंजू को ससुराल ले गए। मामला यहीं नहीं थमा दस दिन बाद ही ससुराल वाले मंजू को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे।

यातना यहीं पर समाप्त नहीं हुई इसके कुछ दिनों बाद ही पति और ससुराल वाले बाकी बची हुई रकम की मांग करने लगे, मायके वालों द्वारा पैसे की व्यवस्था न होने पर उसे घर से निकाल दिया और मंजू ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने दूसरी जगह कहीं सगाई कर ली और उसकी शादी की तैयारी चल रही है । फिलहाल पुलिस द्वारा मंजू की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इस मामले की जांच चल रही है।

मंजू ने कहा है बेटी पैदा होने की सजा उसे di gai hai जबकि उसका कोई दोष नहीं है। कितनी दुखद बात है कि एक तरफ देश में बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटना सामने आना बेहद चिंता का विषय है।

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आज भी देश में ये कुप्रथा की जड़ें मजबूत हैं ऐसी एक नहीं अनेकों मंजू हैं जिनके साथ बेटी पैदा होने पर अत्याचार की घटना होती हैं।

बेटी पैदा होने पर महिला को ससुराल में तरह तरह से यातना दी जाती हैं, इसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। जिस महिला ने दो बेटी पैदा कर दी तो उसके साथ तो और भी अधिक अमानवीय व्यवहार किया जाता है।

पति के साथ ही सास ससुर और परिवार के लोग उस महिला का जीना हराम कर दिया करते हैं। अब बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा कैसे साकार होगा!

उस महिला से पूछो जिसे ससुराल में बेटी पैदा होने पर सजा मिल रही है! इसमें महिला का क्या दोष है! सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की घटना का संज्ञान लेकर उस महिला को सुरक्षा प्रदान करे जिसने बालिका को जन्म दिया है।

इस तरह की घटना सामने आना बेहद चिंता का विषय है इसमें कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। जिस महिला ने दो या उससे ज्यादा बेटियों को जन्म दिया हो उस महिला को कितनी यातना सहनी पड़ती है इसकी जांच हो तो सब कुछ सामने आ जाएगा कि आज भी बेटी पैदा होने पर मां को कितनी सजा ये समाज दे रहा है।

बेटी पैदा करने वाली महिला को कितनी सजा देते हैं परिवार के लोग इसकी जांच और जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ज्ञात हो सकती हैं। सरकार बेटी पैदा करने वाली महिला को सुरक्षा मुहैया कराने की दिशा में पहल करे जिससे बेटी बचाओ अभियान सफल हो सके।

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