देहरादून । कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एग्रीस्टेक योजना अन्तर्गत प्रदेश में कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित समस्त गतिविधिया की आधुनिक तकनीक के माध्यम से रियल टाइम कॉप सर्वेक्षण को प्रारंभ किये जाने हेतु अध्यक्ष, राजस्व परिषद्, उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में होटल पर्ल एवेन्यू, रिंग रोड, लाडपुर, देहरादून में भारत सरकार के प्रतिनिधि मुक्ता नन्द अग्रवाल निदेशक, डिजिटल एग्रीकल्चर, चन्दन कुमार, अनुसचिव, विजयन्द्र गौरव, सलाहकार, कीर्ति कुमारी, सलाहकार, भारत सरकार द्वारा एग्रीस्टेक के अन्तर्गत डिजिटल कॉप सर्व का दो दिवसीय प्रशिक्षण उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों से आये समस्त अधिकारियों/कार्मिकों को दिया गया।
प्रशिक्षण में अवगत कराया गया कि कृषकों को प्राप्त होने वाली सेवाओं का लाभ कृषक डिजिटल रुप से प्राप्त कर सके तथा कृषि कार्य में होने वाले लाभ में वृद्धि की सम्भावना का दृष्टिगत रखते हुए कृषक कल्याण मत्रालय, भारत सरकार द्वारा 22 जून, 2022 को एग्रीस्टेक योजना कृषि विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया।
भारत सरकार के साथ शासन के निर्देशानुसार राजस्व विभाग द्वारा भारत सरकार के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस हेतु शासन द्वारा आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद को राज्य नाडल अधिकारी नामित किया गया है तथा स्टाफ ऑफिसर, राजस्व परिषद का सहायक नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
एग्रीस्टेक योजनान्तर्गत कृषकों को विभिन्न विभागों यथा-कृषि, उद्यान, मण्डी, खाद्य एवं रसद, सहकारिता, वित्तीय संस्थाओं आदि के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं/सवाओं को पारदर्शी रुप से उपलब्ध कराने हेतु एक ROR का गतिशील (Dynamic) डाटावेश तैयार किया जाना है।
जिसके लिए प्रारंभिक चरण में राज्य में तीन बुनियादी चरण के कार्य पूर्ण किये जाने है। जिनके प्रथम दो चरण राजस्व विभाग तथा तृतीय चरण कृषि विभाग से सम्बन्धित है।
आज के प्रशिक्षण में यह भी अवगत कराया गया कि डिजिटल क्राप सर्वे जीआईएस एप्प आधारित किया जाना है। एप के माध्यम से प्रत्यक खसरा नम्बर में बोई गयी फसल, सिंचाई की स्थिति, फसल की फोटो जी०पी०एस कार्डिनेट सहित प्रत्येक मौसम में स्मार्ट फोन/ टेबलेट में माध्यम से फसलों के सटीक आंकडे एकत्रित किये जायेगें।
भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में खरीफ 2024 से मैदानी जनपद उधमसिंहनगर की तहसील बाजपुर तथा पर्वतीय जनपद पौडी गढवाल की तहसील थलीसैंण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिजिटल क्राप सर्वे पर अमल का कार्य शुरु किया जाना है तथा पायलट अध्ययन उपरांत सम्पूर्ण प्रदेश में डीसीएस को लागू किया जाना है।
इस योजना के संचालन में विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना, बैंक द्वारा फसली ऋण का सत्यापन किया जाना, फसल बीमा प्रस्ताव का सत्यापन किया जाना, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादन का खरीद, सूखे के दौरान फसल नुकसान होने पर राहत/अनुदान का वितरण, राज्य के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान, किसानों को संस्थागत खरीदारों से जोडने का अवसर, कृषि इनपुट सप्लायर के साथ कृषकों को जोडने का अवसर के साथ ही किसानों को लक्षित फसल सलाह प्रदान किया जाना।
वर्णित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विनोद कुमार सुमन, सचिव कृषि, चन्द्रेश कुमार आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद्, के०सी०पाठक, निदेशक कृषि, श्रीमती इला गिरी, अपरजिलाधिकारी, पौडी गढवाल, डॉ० अजय कुमार शर्मा, संयुक्त कृषि निदेशक (सां०), एन०एस०नेगी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एन०आई०सी, श्रीमती प्रियदर्शनी उपाध्याय, वैज्ञानिक यूसैक, अनुज धनगर, उपनिदेशक एन०आई०सी, व अन्य अधिकारीगणों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुरेश चन्द सिंह, उप निदेशक ने किया।
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