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पत्रकार स्वर्गीय विजय तिवारी को कभी भूल नहीं सकेंगे कुमाऊँ के पत्रकार! पढ़ें क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार…

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हल्द्वानी। शहर में 1971से पत्रकारिता को पैनी धार देने वाले विजय तिवारी के निधन से हिंदी पत्रकारिता को गहरा धक्का लगा है, उनके निधन से पत्रकार विरादरी में शोक की लहर है। शहर के पत्रकारों ने स्वर्गीय विजय तिवारी के परिजनों को सरकार से उचित आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

बताते चलें स्वर्गीय विजय तिवारी ने 1971 में लोकालय नाम से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र निकालना शुरू किया और अपनी लेखनी का लोहा मनवाया।

इसके चलते वह हल्द्वानी प्रेस क्लब अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने गरीबों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए पत्रकारिता को नई दिशा दिखाने का जो प्रयास किया था उसकी ला आज तक नजर आती है।

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स्वतंत्रता सेनानी परिवार से होने के बावजूद उन्होंने हमेशा गरीबों और बेसहारा लोगों की आवाज बनकर लोगों को पत्रकारिता का महत्व समझाया था।

उनके निधन से कुमाऊं मंडल में शोक व्यक्त किया जा रहा है। प्रेस क्लब अध्यक्ष बिंदुखत्ता जीवन जोशी ने कहा है पत्रकार विजय तिवारी ने जिस तरह पत्रकारों को एकजुट होने का मंत्र दिया था वह आज दूर दूर तक नहीं दिखाई देता जिससे पत्रकारों की समस्या जस की तस हैं।

उन्होंने कहा स्वर्गीय विजय तिवारी 14 मई 2024 को दुनियां से विदा हो गए और परिवार सहित संघर्षशील पत्रकारों को रोता बिलखता छोड़ गए।

हल्द्वानी के वरिष्ठ पत्रकार कैलाश जोशी ने कहा है स्वर्गीय विजय तिवारी पत्रकारों को जुझारू पत्रकारिता करने के लिए हमेशा प्रेरित किया करते थे।

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पत्रकार संजय तलवाड़ ने कहा पत्रकारों के लिए स्वर्गीय विजय तिवारी हमेशा मार्गदर्शक रहे उनकी लेखनी हमेशा जन सरोकारों से जुड़ी हुई होती थी।

वरिष्ठ पत्रकार अजय उप्रेती ने कहा स्वर्गीय विजय तिवारी पत्रकारों को सदैव मिशन की तरह कार्य करने के लिए प्रेरित किया करते थे।

कुमाऊँ भर में स्वर्गीय विजय तिवारी को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है और उनके परिजनों को सरकार से उचित आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की जा रही है।

बताते चलें स्वर्गीय विजय तिवारी कई समाचार पत्रों में लेख और समाचार भेजा करते थे जिससे उनके लेख हमेशा चर्चा में रहते थे। उन्होंने हिंदी साप्ताहिक दूरगामी नयन और फाइनल कॉल में भी समाचार देने का कार्य किया था। हिंदी पत्रकारिता में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

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