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दुग्ध उत्पादकों के ससमय दुग्ध मूल्य भुगतान को 15 करोड का एक रिवोल्विंग फण्ड बनाया जा रहा! दुग्ध उत्पादकों की हर समस्या को हल करें संघ! पढ़ें दुग्ध उत्पादन और वितरण को लेकर गोष्ठी में कितने अधिकारी नेता रहे मौजूद… पढ़ें उत्पादक क्या कहते हैं बिंदुखत्ता के…

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देहरादून/बिंदुखत्ता । यहां दुग्ध उत्पादन और उत्पादकों की समस्या पर मंत्री, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकोल एवं कौशल विकास एवं सेवायोजन, उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में दुग्ध उपार्जन एवं विपणन में वृद्धि करने तथा दुग्ध संघों के ओवर हैड व्ययों में कमी करने के उददेश्य से देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित होटल सफायर में एक समीक्षा बैठक / गोष्ठी आयोजित की गयी ।

जिसमे डा० बी०वी०आर०सी०पुरूषोत्तम, सचिव, डेरी, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, डेरी, उत्तराखण्ड शासन, प्रदेश अन्तर्गत संचालित समस्त दुग्ध संघों के सभापति, उपसभापति एवं प्रबन्ध समिति के सदस्य, प्रबन्ध निदेशक, यू०सी०डी०एफ०, प्रशासक यू०सी०डी०एफ०, प्रदेश के समस्त दुग्ध संघों के प्रबन्धक / प्रधान प्रबन्धक तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

बैठक अन्तर्गत मंत्री द्वारा समस्त उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए दुग्ध उपार्जन व विपणन में वृद्धि कर आचंल को आगे बढाते हुए नम्बर एक ब्राण्ड बनाये जाने के लिये एकजुट होकर कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ताकि दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वारा दुग्ध समिति में उपलब्ध कराये जा रहे दूध का उचित दुग्ध मूल्य प्राप्त हो सके तथा उनकी आर्थिकी को सुदृढ किया जा सके।

उन्होंने कहा उत्पादक की समस्या का तीव्र गति से समाधान करने की दिशा में सभी संघ अध्यक्ष प्रबंधक गंभीर होंगे शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा पशुपालक ही संघ और फेडरेशन का असली मालिक है इसलिए दुग्ध उत्पादक की हर समस्या को हल किया जाना संघों का कर्तव्य है।

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दुग्ध उत्पादकों को ससमय का दूध भुगतान किया जाये तथा दूध के कय मूल्य में भी वृद्धि किये जाने की आवश्यकता है। इस हेतु व्ययों में कमी करते हुए दुग्ध संघों के ओवर हैड व्यय में कमी की जाये ताकि संस्थाओं की सरकार पर निर्भरता को कम किया जा सके।

दुग्ध उत्पादकों के दुधारू पषुओं हेतु पशुचारा उपलब्ध कराते हुए अन्य तकनीकी निवेश सुविधाएं उपलब्ध कराई जाये ताकि दुग्ध उत्पादकों का विश्वास समिति के प्रति ओर बढ़ सके। मार्कटिंग व ब्राण्डिग को आगे बढाये जाने हेतु यथाशीघ्र बैठक आहूत की जायेगी जिसमे संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा।

इस अवसर पर दुग्ध संघों से आये प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न मागें मत्री के सम्मुख रखी गई जिसमे मुख्यतः सचिव मानदेय में वृद्धि एवं दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जाये, इस पर मंत्री द्वारा प्राप्त समस्त सुझावों पर गम्भीरता के साथ कार्य किये जाने तथा राज्य सरकार से हर सम्भव मदद किये जाने हेतु आश्वस्त किया गया।

मंत्री द्वारा अवगत कराया कि दुग्ध संघों द्वारा दुग्ध उत्पादकों के ससमय दुग्ध मूल्य भुगतान हेतु रू0 15 करोड का एक रिवोल्विंग फण्ड बनाया जा रहा है जिसमे यथाशीघ्र धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।

मंत्री द्वारा प्रदेश की जी०एस०डी०पी० में पशुपालन व डेरी की भागीदारी 3 प्रतिशत से बढाकर 5 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

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इधर लालकुआं में गुस्साए दुग्ध उत्पादक दुग्ध मूल्य बढ़ाने और बिंदुखत्ता क्षेत्र को अतिरिक्त मूल्य दिए जाने पर तर्क दे रहे हैं कि उनका सबसे ज्यादा दूध है और उनका संघ को किराया भी बहुत कम देना होता है इसलिए बिंदुखत्ता को दो रुपया मूल्य अधिक दिया जाना चाहिए क्योंकि सारे कीर्तिमान नैनीताल दुग्ध संघ बिंदुखत्ता के उत्पादकों के दम पर प्राप्त कर रहा है।

और जिनके पशु जलकर मरे, आपदा में मरे उन उत्पादकों को दूध संघ फूटी कौड़ी नहीं दे रहा है और प्रचार प्रसार में लाखों रुपए की बंदर बांट चल रही है ! जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है! उत्पादक कहते हैं समस्या को हल करने की दिशा में अमल नहीं हुआ तो नैनीताल दुग्ध संघ के खिलाफ़ उत्पादक सड़कों पर उतर कर सारे भ्रष्ट काले कारनामों की कलई खोल देगी।

इधर जिन कर्मचारियों का बोनस संघ के ठेकेदार हड़प गए थे वह सभी कर्मचारी अधिकांश निकाल दिए जाने के आरोप भी लगने लगे हैं कुल मिलाकर लालकुआं दुग्ध संघ के खिलाफ़ आंदोलन हो सकता है जिसमें सभी कारनामे सामने लोग ला सकते हैं!

बताया गया है चर्चा है एक सुरक्षा अधिकारी को संघ ने ईमानदारी करने की सजा देकर घर इसलिए भेज दिया कि वह चोरी पर रोक लगाने का काम कड़ाई से कर रहा था ये चर्चा उत्पादक आजकल समितियों में कर रहे हैं।

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