नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन से मुलाकात करने के लिए कुलसचिव से मिलने पहुंचा, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें कुलसचिव से मिलने की अनुमति नहीं दी। इससे छात्रों में नाराजगी देखने को मिली, जब प्रशासन ने उनके रास्ते को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस प्रशासन को भी वहां तैनात किया गया।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर कुलसचिव से छात्रों की मुलाकात को रोकने का प्रयास किया। छात्रों का कहना था कि वे अपने मुद्दों और समस्याओं को लेकर कुलसचिव से बातचीत करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें इससे रोकने के लिए पुलिस की तैनाती की।
छात्रों का कहना है कि आज कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि विश्वविद्यालय के छात्र अपने ही कुलसचिव से मिलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। छात्रों ने इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई और इसे छात्र हितों की अनदेखी करार दिया।
छात्र संगठनों के नेताओं ने इस घटना के विरोध में आंदोलन की धमकी भी दी है यहा तक की छात्र नेता अभिषेक ने विश्वविद्यालय की तुलना पुलिस स्टेशन से कर दी उन्होनें कहा है कि जब तक प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से नहीं विचार करता, तब तक वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
कुलसचिव से मिलने की कोशिश को विफल करने के इस कदम ने विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। छात्रों का कहना है कि अगर इस तरह की स्थिति बनी रही, तो शिक्षा का माहौल और छात्रों की भागीदारी प्रभावित हो सकती है।
इस दौरान छात्रनेता अभिषेक कुमार, आशीष कबडवाल,यतिन पान्डे, इशिका मेहता, उमाशंकर तिवारी,भाष्कर जोशी, वैष्णवी, कमलेश आदि मौजूद रहे।
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