बिंदुखत्ता। जिला स्तरीय वनाधिकार समिति से बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम का संयुक्त दावा स्वीकृत होने के छः माह बाद भी सचिवालय स्तर से राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी नहीं हो पाने के कारण अब वन अधिकार समिति द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।
वन अधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी ने बताया कि वन अधिकार समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस सम्बन्ध में जन जाति मंत्रालय भारत सरकार से निवेदन किए जाने हेतु व्यापक हस्ताक्षर अभियान पूरे बिंदुखत्ता में चलाया जा रहा है जिसमें वन अधिकार समिति के सैकडों कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों से हस्ताक्षर करवा रहे हैं।
हस्ताक्षर कराए जा रहे पत्र में जनजाति मंत्रालय के नोडल सचिव से निवेदन किया गया है कि, उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित 80 हजार आबादी वाले वन भूमि पर बसे बिंदुखत्ता में सरकारी योजनाओं से वंचित OTFD लंबे समय से FRA के तहत राजस्व ग्राम घोषित होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इस हेतु बैठकें, सोशल मिडिया मुहीम, व्यापक हस्ताक्षर अभियान, सड़कों पर आन्दोलन सहित सरकार के प्रतिनिधियों और सम्बंधित विभागों से पत्राचार/वार्ता जारी हैं।अभिलेखीय प्रमाणों अनुसार 1932 से पूर्व की बसासत बिन्दुखत्ता को 1992 से राजस्व ग्राम का दर्जा देने के सरकारी प्रयास जारी हैं, 2006 में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी सहमती सहित मा.सुप्रीम कोर्ट में approch करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए।
इस हेतु 2009, 2011 और 2024 में मुख्यमंत्री घोषणाएं की गईं। 2015 में इसे नगरपालिका बनाया गया जिसे ग्रामीणों ने राजस्व ग्राम की मांग पर अस्वीकार कर दिया। वन विभाग के अनुसार, 1905 से पूर्व बसे तराई के अन्य पुराने गोठ-खत्तों को समय-समय पर यहां बसाया गया है, वन विभाग द्वारा कई बार राजस्व ग्राम एवं निर्वनीकरण की सहमती देने के बावजूद प्रगति शून्य है।
दिनांक 08-11-2013 को जनजाति मंत्रालय ने राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु विस्तृत दिशा निर्देश राज्य सरकारों को दिए जिसमें स्पष्ट है कि राजस्व ग्राम बनाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत वन भूमि को अनारक्षित करने या केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, यह भी कि DLC का निर्णय अंतिम और आबध्कारी है।
इस क्रम में FRC Bindukhatta और SDLC की स्वीकृति के बाद, DLC नैनीताल ने भी 19 जून 2024 को अपनी स्वीकृति सहित धारा 3-1(ज) के तहत बिन्दुखत्ता राजस्व ग्राम का संयुक्त दावा शासन को भेजा, लेकिन छह माह बीतने के बावजूद भी अधिसूचना जारी नहीं हुई।बिंदुखत्ता में राजस्व ग्राम की अधिसूचना के अभाव में, पंचायती राज योजनाओं, भूमि अभिलेख आधारित योजनाएं जैसे मनरेगा, पीएम-किसान, फसल बीमा योजना, और कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ इस क्षेत्र को नहीं मिल रहा है। जिलाधिकारी नैनीताल ने भी स्वीकार किया है कि राजस्व ग्राम की अधिसूचना के बिना कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकता है।
अतः जनजाति मंत्रालय के संलग्न पत्र दिनांक 08-11-2013 के निर्देशों का पालन करवाते हुए बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की प्रक्रिया पूरी कर शीघ्र अधिसूचना जारी करवाने की कृपा करें।
हस्ताक्षर अभियान में वन अधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी, सचिव भुवन भट्ट संरक्षक सदस्य बलवंत बिष्ट, कैप्टन चंचल कोरंगा, नन्दन बोरा, पप्पू कोश्यारी, एडवोकेट गणेश दत्त कांडपाल इत्यादि लोग रहे।
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