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चुनाव चिन्ह *बाल्टी* फिर चर्चा में ! पढ़ें लालकुआं से संपादक *जीवन जोशी* की डायरी…

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जीवन की डायरी:: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में चुनाव चिन्ह बाल्टी को लोग भूल नहीं सकते ? इस बाल्टी चुनाव चिन्ह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल की बाल्टी भर दी थी! लालकुआं की जनता ने जमकर इतिहास में बाल्टी का बटन दबाया है फिर मंत्री तक हरीश चंद्र दुर्गापाल को पहुंचाया है!

आज एक बार फिर से लालकुआं में निकाय चुनाव के दौरान बाल्टी खासा चर्चा में हैं! बाल्टी का चुनाव निशान लालकुआं निकाय चुनाव में आजकल लालकुआं में जन जन का चुनाव निशान बना हुआ दिख रहा है! लोगों में बाल्टी चुनाव चिन्ह को लेकर एक बार फिर से लालकुआं में उत्साह देखने को मिल रहा है!

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यह चुनाव चिन्ह बाल्टी इस बार निर्दलीय पूर्व सैनिक युवाओं की पहली पसंद सुरेन्द्र लोटनी को मिला है! सुरेन्द्र लोटनी युवा सोच की अगुवाई कर रहे हैं इसमें सभी जाति धर्म से जुड़े लोग इस बार कौमी एकता का गुलदस्ता लालकुआं को बनाने के लिए संपर्क कर लोगों में बाल्टी चुनाव चिन्ह का व्यापक रूप से प्रचार कर लोगों का दिल जीत रहे हैं!

अब तक लालकुआं में चुनाव चिन्ह बाल्टी सबसे आगे चल रहा है कल क्या हो ये विषय अलग है लेकिन चुनाव चिन्ह बाल्टी को लोग पसंद कर रहे हैं! कुछ लोग कहते सुने गए जब विधानसभा चुनाव में बाल्टी को वोट दिया था तब लालकुआं में विकास हुआ था इसलिए चेयरमैन पद पर भी बाल्टी वाले को वोट देना है!

बाल्टी चुनाव चिन्ह लोगों को पहले से याद है जब पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल निर्दलीय प्रत्याशी बनकर दस हजार के लगभग वोटों से जीते थे और विकास की गंगा बही थी। इस बार बाल्टी चुनाव चिन्ह लोगों को फिर भाता दिख रहा है!

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राजनीतिक समीकरण बनते बिगड़ते रहते हैं लेकिन इस बार समीकरण कौमी एकता का गुलदस्ता लालकुआं को मॉडल बनाने का दिख रहा है! देखना है लालकुआं की युवा सोच को जनता कितना समर्थन देती है! आने वाली 23 जनवरी तक परिदृश्य नहीं बदला और लोग जींस की पेंट और जैकेट की तर्ज पर हेंगर में टांगकर नहीं बिक्री हुए तो बाल्टी का जलवा फिर देखने को मिलेगा!

वैसे लालकुआं में बुध और शनि की बाजार में लोग सजी खरीदते खरीदते उसी तर्ज पर बिकना सीख गए हैं मानो! चुनाव में जब वोट का मूल्य नहीं समझा जाता, चंद पैसों में लोग आलू टमाटर की तर्ज पर बिकते रहे हैं जो लालकुआं के लिए एक अभिशाप है।

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