
भीमताल। उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाओं को तलाश किया जाए! पर्यटन को माध्यम बनाकर लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए! यह कोई नई बात नहीं है! यहां सदियों से पर्यटन चलता आया है! कभी पांडवो की टुकड़ी तो कभी राम जी की सेना महाभारत काल से उतराखंड देवताओं का पर्यटन केंद्र रहा है! पहले साधन नहीं थे तो पहाड़ में देव शक्तियां ही चढ़ पाती थीं और तभी हिमालई भूभाग में देवता मंदिर हर मोड़ पर मिलेंगे चाहे छोटा हो होगा जरूर ये देख कर ही आज संसाधन होकर हर आदमी देवलोक के दर्शन कर लेता है, नैनीताल जनपद का सबसे महत्वपूर्ण नकुचियाताल का इतिहास में प्रसंग है की जो इसके नौ कोने एक साथ देख लेगा तो वो अमर हो जायेगा! आज भीमताल जो आता है वो नौकुचिया ताल देखने जरूर जाता है। भीमताल को पांडव काल में उत्पन्न होने का उल्लेख है! इसके अलावा यहां राम परिवार की झील के बारे में जानकारी देते हैं सातताल यहां राम परिवार के सात अलग अलग तालाब हैं, राजा नल दमयंती का तालाब यह बताने को काफी है की उत्तराखंड में द्वापर, त्रेता युग से पर्यटन चला आया है आज के पर्यटन ने तो इसे मस्ती मारने वाला एक साधन बना दिया है, हिमालई राज्यों को आज दरकार है की वह अपनी सड़कों को सही और हवा में चीन की तर्ज पर सीसे के लग्ज़री पुलों का निर्माण करवाया जाए जिससे संभावना व सरकार की कोसिसों को भी पर लगें और आधुनिक युग का आधुनिक पर्यटन केंद्र उत्तराखंड को बनाया जा सके। आपदा ने हिमालई राज्यों को हिला कर रख दिया है जिससे हिमालय पर्वत को बचाने के लिए प्रकृति से ज्यादा छेड़छाड़ करने की आवश्यकता नहीं है।










लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
👉 न्यूज अपडेट पाने के लिए 8218146590, 9758935377 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें
More Stories
Haridwar News:-112 परिवहन आरक्षी प्रशिक्षुओं ने ली कर्तव्यनिष्ठा की शपथ…
ITBP जवान की अपर पीसीएस की मुख्य परीक्षा छूटने का मामला, HC ने आयोग को दिया निर्देश – NAINITAL HIGH COURT
UKSSSC भर्ती :- LT भर्ती को लेकर बड़ी खबर, सैकड़ों अभ्यर्थियों को मिली राहत, जल्द होगी नियुक्ति – देंखे VIDEO